Ram Mandir, Ayodhya: 15 सौ करोड़ में होगा निर्माण, 44 दिनों में ही मिल गई खर्च से इतनी अधिक रकम

Ram Mandir, Ayodhya, Ram Temple, Latest Updates, Hindi News: अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए अब तक अनुमानित लागत से डेढ़ गुना ज्यादा चंदा जुटाया जा चुका है. महज 44 दिनों में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिल चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 1, 2021 9:05 AM
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  • 1500 करोड़ खर्च होने का अनुमान

  • मंदिर की लागत से डेढ़ गुना मिली चंदा की राशि

  • विदेश से भी दान लेगा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

Ram Mandir, Ayodhya, Ram Temple, Latest Updates, Hindi News: अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए अब तक अनुमानित लागत से डेढ़ गुना ज्यादा चंदा जुटाया जा चुका है. महज 44 दिनों में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिल चुका है. फिलहाल, श्रीराम मंदिर की अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपये है. मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी को शुरू हुआ था, जो शनिवार को समाप्त हो गया. इस अभियान में मंदिर की अनुमानित लागत से करीब 600 करोड़ रुपये अधिक चंदा मिला है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद राम गिरी ने बताया कि धन एकत्र करने का अभियान संपूर्ण भारत में 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलाया गया था. इसके तहत शनिवार शाम तक 2,100 करोड़ रुपये का चंदा मिला था. अभी चेक से मिली दान की राशि की गिनती होनी है. जिनके पास कूपन बचे हैं, उनसे वापस लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब ट्रस्ट विदेशों में भी राम मंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान चलाने की योजना बना रहा है.

इसका निर्णय ट्रस्ट की अगली बैठक में लिया जायेगा. गिरि ने बताया कि पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक हर वर्ग के लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दिया है. यहां तक कि बड़ी संख्या में देश के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया है. इधर, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अभी कोई सीमा नहीं है कि मंदिर की लागत कितनी होगी. मंदिर बनने के बाद इसका विस्तार भी होना है.

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल ने किया गुप्त दान : समर्पण निधि अभियान के आखिरी दिन बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी दान किया है. संघ व वीएचपी के कार्यकताओं को उन्होंने राधा-कृष्ण की फोटो वाले बंद लिफाफे को सौंपा है. इसमें उन्होंने अपने मरहूम पिता हाशिम अंसारी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी लिखे थे. गुप्त दान का कारण बताते हुए उन्होंने कहा मुस्लिम धर्म में साफ लिखा है दान गुप्त होना चाहिए, इसलिए उन्होंने यह परंपरा निभाई है.

चंदे का सही आंकड़ा मार्च अंत तक आयेगा: ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि डेढ़ लाख टोलियां चंदा जुटा के इस अभियान में लगी थीं. इसमें से 46 हजार निधि डिपोजिटर बने हैं. यह लोग अभी धनराशि को बैंकों में जमा कर रहे हैं. इसमें अभी समय लग सकता है. कितनी निधि इस अभियान में जमा हुई है. उसका अधिकृत व सही आंकड़ा ट्रस्ट को अभी नहीं मिला है. सभी बैंक में प्रांत के अनुसार धनराशि जमा की जा रही है. ट्रस्ट जिसका पूरा लेखा जोखा मार्च के अंत तक तैयार कर पायेगा.

Posted by: Pritish Sahay

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