अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: मुसलमानों से की गई ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ जपने की अपील की

आरएसएस नेता ने इस्लाम, ईसाइयत, सिख या किसी भी अन्य धर्म का पालन कर रहे लोगों से ‘शांति, सद्भाव एवं भाईचारा’ के लिए अपने अपने धर्मस्थलों पर प्रार्थना कर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़ने की अपील की.

By Agency | January 1, 2024 9:57 AM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने मुसलमानों से कुछ अपील की है. उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों में ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम’ जपने की अपील की है जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में 99 प्रतशित मुसलमान और अन्य गैर-हिंदुओं का भारत से नाता है. उनका नाता आगे भी बना रहेगा, क्योंकि हमारे पुरखे एक ही थे. उन्होंने अपना धर्म बदला, अपना देश नहीं.

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हम सभी का इसी देश से नाता

आरएसएस नेता ने इस्लाम, ईसाइयत, सिख या किसी भी अन्य धर्म का पालन कर रहे लोगों से ‘शांति, सद्भाव एवं भाईचारा’ के लिए अपने अपने धर्मस्थलों पर प्रार्थना कर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़ने की अपील की. वह यहां ‘राम मंदिर, राष्ट्र मंदिर: ए कॉमन हेरिटेज’ नामक एक पुस्तक के विमोचन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के मुख्य संरक्षक कुमार ने कहा, हमारे पुरखे एक ही थे, हमारी सूरत भी एक जैसी है, हमारी पहचान संबंधी आकांक्षाएं भी समान हैं. हम सभी का इसी देश से नाता है, हमारा विदेशियों से कोई लेना-देना नहीं है.

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जिनका हृदय बड़ा है, सोच बड़ी है

इंद्रेश कुमार ने कहा, एमआरएम ने अपील की है और मैं आज दोहरा रहा हूं कि दरगाहों, मकतबों, मदरसों और मस्जिदों में 11 बार ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ दोहराएं. बाकी आप अपनी उपासना पद्धति का पालन करें. इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जिनका हृदय बड़ा है, सोच बड़ी है, उनके लिए पूरा विश्व ही कुनबा (परिवार) है. ज्ञान परंपरा, जिसपर भारत आधारित है, इस उपदेश से भरा है.

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