Ram Mandir: 1 जून से शुरू होगा गर्भगृह का निर्माण, सीएम योगी रखेंगे नींव, वर्षों बाद बन रहा शुभ मुर्हूत
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान राम लला मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. 1 जून को रामलला के गर्भ गृह का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. गर्भगृह के निर्माण की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह नौ बजे से 11 बजे तक पूजन कर करेंगे.
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान राम लला मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. 1 जून को रामलला के गर्भ गृह का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. गर्भगृह के निर्माण की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह नौ बजे से 11 बजे तक पूजन कर करेंगे. जिसकी तैयारियां तेजी के साथ की जा रही हैं. मुख्यमंत्री के अगवानी में भगवान राम लला के गर्भगृह के लिए तराशे गए पत्थरों से निर्माण कार्य शुरू होगा. यह जानकारी रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने दी.
राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण को लेकर अभी चबूतरा यानी प्लिंथ को बनाने का काम चल रहा है. लगभग 21 फुट ऊंचा चबूतरा ग्रेनाइट पत्थरों से तैयार होगा. 360 फीट लंबे एवं 235 फीट चौड़े क्षेत्र में प्रस्तावित मंदिर की 21 फीट ऊंची प्लिंथ का निर्माण अगस्त तक पूरा होना है, किंतु गर्भगृह की प्लिंथ का काम 31 मई तक पूरा कर लिया जाना है.चबूतरे को तैयार किये जाने के साथ ही तराशे गए पत्थरों से मंदिर का निर्माण का प्रारंभ होगा. पहले गर्भगृह स्थल पर वैदिक आचार्य पत्थर की पूजा करेंगे फिर सीएम योगी आदित्यनाथ इस कार्य का शुभारंभ करेंगे. श्रीरामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो यह दिन बहुत शुभ है। क्योंकि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को मृगशिरा नक्षत्र के साथ कई वर्षों के बाद दुर्लभ संधि व सर्वधसिद्ध योग बन रहा है.
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ट्रस्ट की माने तो दिसंबर 2023 में राम जन्मभूमि मंदिर में श्रद्धालुओं का दर्शन पूजन शुरू हो जाएगा. इसके बाद मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया जारी रहेगी, जो 2025 में पूरी होगी. बिल्कुल उसी तरह मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट का संचालन भी दिसंबर 2023 तक शुरू हो जाएगा. जिससे देश के दूरदराज स्थानों और विदेश से आकर दर्शनार्थी रामलला का दर्शन पूजन कर सकें. बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट के लिए शुरुआत में जितनी जमीन की आवश्यकता होगी, उसका अधिग्रहण कार्य लगभग पूरा हो गया है. इसके तहत अभी तक 400 एकड़ भूमि की उपलब्धता जिला प्रशासन ने सुनिश्चित कर ली है, जबकि 330 एकड़ भूमि नागरिक उड्डयन विभाग को सौंपने के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है.