Ayodhya Ram Mandir: 30 साल पहले बिहार के दलित युवक ने रखी थी मंदिर की नींव

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास तीस साल पहले राजीव गांधी सरकार की अनुमति से नौ नवंबर, 1989 को किया गया था. शिलान्यास में पहली ईंट बिहार के दलित युवक कामेश्वर चौपाल ने रखी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 4, 2020 6:10 AM

Ayodhya Ram Mandir, पटना : अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास तीस साल पहले राजीव गांधी सरकार की अनुमति से नौ नवंबर, 1989 को किया गया था. शिलान्यास में पहली ईंट बिहार के दलित युवक कामेश्वर चौपाल ने रखी थी. दरअसल, राम मंदिर शिलान्यास से पहले पूरे देश में विश्व हिंदू परिषद ने इसके लिए अभियान चला रखा था. राम मंदिर शिलान्यास के लिए आठ अप्रैल, 1984 को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक विशाल धर्म संसद का भी आयोजन किया गया था. 1986 में राम मंदिर का ताला खुला. विहिप के नेता और रिटायर्ड जज देवकी नंदन अग्रवाल ने 01 जुलाई, 1989 को फैजाबाद की एक अदालत में राम के मित्र के रूप में दावा दायर किया. इस दावा में कहा गया था कि राम और जन्म स्थान दोनों पूज्य हैं. वही इस संपत्ति के मालिक हैं.

राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश में जो लहर थी, उसने तत्कालीन राजीव गांधी सरकार पर राजनीतिक दबाव बना दिया था. देश में इसी साल आम चुनाव होने थे. शाहबानो केस को लेकर कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लग रहा था. ऐसे में राजीव गांधी नहीं चाहते थे कि उनकी छवि हिंदू विरोधी नेता के रूप में उभरे. माना जाता है कि हिंदू समुदाय को लुभाने के लिए राजीव गांधी ने 1989 में हिंदू संगठनों को विवादित स्थल के पास राम मंदिर के शिलान्यास की इजाजत दे दी थी.

राजीव गांधी द्वारा शिलान्यास की मंजूरी दिये जाने के बाद विहिप नेताओं ने मंदिर निर्माण के लिए अपना आंदोलन और तेज कर दिया. तमाम रस्साकशी के बीच शिलान्यास के लिए 09 नवंबर, 1989 को बाकायदा मुहूर्त तय हुआ. इसके बाद विधि-विधान से भूमि का पूजन और शिलान्यास किया गया. भूमि पूजन स्वामी वामदेव ने किया. वास्तु पूजा पंडित महादेव भट्ट और पंडित अयोध्या प्रसाद ने करवायी. खुदाई की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने फावड़ा चलाकर की. इसके बाद शिलान्यास की पहली शिला बिहार के दलित युवक कामेश्वर चौपाल के हाथों रखी गयी.

Next Article

Exit mobile version