अयोध्या में विश्व का सबसे बड़ा मंदिर बनाने की मांग करने वालों पर जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने साधा निशाना, पूछा विशालता की परिभाषा

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण को लेकर तरह-तरह की कल्पनाएं लोगों के बीच है. सभी अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के पक्षधर हैं. इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने अयोध्या पहुंचकर इस मामले पर अपनी राय रखी है. जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती बुधवार को अयोध्या पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | June 3, 2020 4:35 PM

अयोध्या में राममंदिर के निर्माण को लेकर तरह-तरह की कल्पनाएं लोगों के बीच है. सभी अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के पक्षधर हैं. इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती ने अयोध्या पहुंचकर इस मामले पर अपनी राय रखी है. जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती बुधवार को अयोध्या पहुंचे.

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विशालता की परिभाषा बताएं :

उन्होंने कहा कि लेाग विशाल राम मंदिर की मांग करते हैं.जिन लोगों की यह मांग है वो पहले स्वयं विशालता की परिभाषा बताएं.आगे जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती कहते हैं कि राम मंदिर उसी मॉडल पर बनेगा जो भारत की पूरी जनता ने तय किया है.यह मॉडल करोड़ों हिंदुओं के दिल में बसा है. इस मॉडल पर बने मंदिर की पूजा घर-घर में हो चुकी है.

कितना ऊंचा मंदिर बनाना चाहते हैं :

उन्होंने कहा कि कुछ लोग अयोध्या में विश्व का सबसे ऊंचा राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं, मैं उनको नहीं जानता. लेकिन मैं उनसे पूछता हूं कि वे कितना ऊंचा मंदिर बनाना चाहते हैं. कुछ संत मंदिर निर्माण को लेकर बुद्धि की विपरीतता का प्रदर्शन न करें. इस दौरान जगद्गुरु वासुदेवानंद ने ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास से मुलाकात की. बुधवार शाम 5 बजे वे श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचेंगे. वहां परिसर में हो रहे समतलीकरण के कार्यों का जायजा लेंगे. उन्होंने कहा- समतलीकरण और मिट्टी बैठने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा.

कुछ संतों ने विश्व का सबसे ऊंचा व विशाल मंदिर बनाये जाने की मांग की थी :

बता दें कि हाल ही में डॉक्टर रामविलास दास वेदांती के नेतृत्व में कुछ संतों ने राम मंदिर को विश्व का सबसे ऊंचा व विशाल मंदिर बनाये जाने की मांग की थी. यह भी कहा था कि, इसके लिए नया नक्शा बनाया जाये.

मकराना, उदयपुर व जयपुर में संगमरमर नहीं कचरे के पत्थर :

संगमरमर के पत्थर से मंदिर बनाने पर जगद्गुरु वासुदेवानंद ने कहा कि संगमरमर का पत्थर है कहां? मकराना उदयपुर व जयपुर में संगमरमर के पत्थर नहीं हैं. ये कचरे पत्थर हैं, जो 10 साल में टूट जायेंगे. स्वामी वासुदेवानंद रामलला का दर्शन करने और ट्रस्ट के अध्यक्ष के जन्मोत्सव की बधाई देने रामनगरी अयोध्या पहुंचे हैं.उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में सीमेंट गारे से जुड़ाई होकर सुखाना नहीं, केवल पत्थरों को सेट करते जाना है. ऐसे में मंदिर का निर्माण कम समय में ही पूरा हो जायेगा.

Posted by : Thakur Shaktilochan Sandilya

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