अयोध्या: राम मंदिर में बिना तार वाली बिजली व्यवस्था, हर समय गूंजेंगे भजन, बैठक में कई अहम निर्णय

अयोध्या राम मंदिर: हर साल राम नवमी के दिन रामलला के सूर्य स्नान पर चर्चा की गई. रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम का सूर्य की किरणों से अभिषेक का निर्णय लिया गया. ऐसी खबरें हैं कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी रामलला के सूर्य स्नान को लेकर गंभीर हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 20, 2021 7:59 AM

Ayodhya Ram Mandir News: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी के मंदिर निर्माण का कार्य जारी है. इसी बीच राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की दूसरे दिन की हुई बैठक में कई अहम निर्णय लिए जाने की खबर आई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बैठक में हर साल राम नवमी के दिन रामलला के सूर्य स्नान पर चर्चा की गई. रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम का सूर्य की किरणों से अभिषेक का निर्णय लिया गया. ऐसी खबरें हैं कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी रामलला के सूर्य स्नान को लेकर गंभीर हैं.

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राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक हर साल रामनवमी पर श्रीराम का अभिषेक सूर्य की सुनहरी किरणों से करने का फैसला लिया गया है. इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से तकनीक खोजने की अपील की है. चंपत राय ने बताया कि बैठक में मंदिर के अंदर प्रकाश और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा हुई. त्योहारों के हिसाब से प्रकाश व्यवस्था पर भी चर्चा की गई.

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया बैठक में मंदिर का बाहरी भाग किस तरह से प्रकाशित किया जाए, इस पर विस्तार से चर्चा की गई. आम दिनों और त्योहारों के समय प्रकाश व्यवस्था में क्या बदलाव किया जाए, इस पर भी हर एंगल से चर्चा हुई. सबसे खास बात यह रही कि प्रभु रामलला के जन्मोत्सव पर लाइटिंग की व्यवस्था को सबसे भव्य और आधुनिक तकनीकों से लैस बनाने पर भी बातचीत की गई है.

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चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर के अंदर दीवारों और खंभों पर मूर्तियां बनाई जाएगी. परकोटा के अंदर भी मूर्तियां का निर्माण होगा. इसमें दशावतार, नवग्रह, शक्ति पीठ की मूर्तियां शामिल होंगी. मंदिर परिसर में बिजली व्यवस्था नई तकनीक से लैस होगी. इसके लिए तारों का इस्तेमाल नहीं होगा. मंदिर परिसर में हर समय भजन गूंजता रहेगा. सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग होगा. कोशिश है राम मंदिर में सुरक्षा में मैन पावर की जगह आधुनिक तकनीकों के बेहतर इस्तेमाल पर जोर दिया जाए.

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