Lucknow News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जातिसूचक टिप्पणी को लेकर एससी-एसटी एक्ट मामले में आपत्ति खारिज होने के बाद अब रामपुर की अदालत ने उनकी आवाज की जांच लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला से कराने के आदेश दिए हैं. इसमें अगर आवाज आजम की ही पायी जाती है, तो कानूनी तौर पर उनकी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं.
आजम खां के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का मामला वर्ष 2007 में टांडा थाने में दर्ज हुआ था. उन पर विधानसभा चुनाव के दौरान टांडा क्षेत्र में आयोजित जनसभा में जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप है. इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है.
15 साल पुराने इस मामले में आजम खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले बसपा नेता धीरज शील की मृत्यु हो चुकी है. अभियोजन की ओर से अन्य गवाह व साक्ष्य पेश किए गए हैं. इनमें भाषण की रिकार्डिंग को भी अदालत में सुनाया जा चुका है.अभियोजन ने पिछले महीने आजम खां की आवाज का सैंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में रिकार्डिंग से मिलान कराने की मांग की थी. आजम खां के अधिवक्ता ने इस पर आपत्ति जतायी थी.
मामले में अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद आपत्ति को खारिज कर दिया था. दोबारा सुनवाई होने पर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना ने बताया कि अदालत ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आवाज की जांच कराई जाए.
उधर, आजम खां के खिलाफ डूंगरपुर के एक मामले में गवाह शकील के बयान दर्ज कराये गये हैं. इस मामले में अभी गवाही पूरी नहीं हो सकी है. आज अदालत इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी.