बरेली कलेक्ट्रेट गेट पर बदायूं के किसानों का हंगामा, गंगा एक्सप्रेस-वे अधिग्रहण का मुआवजा न मिलने से खफा
ऑफिस के कर्मचारी और अधिकारियों की किसानों की भीड़ देखकर होश उड़ गए. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. खफा किसानों ने हंगामा कर नाराजगी जताई. इसके बाद पुलिस ने किसानों को शांत किया. हालांकि, कुछ किसानों का कहना है की कौन-कौन से डाक्यूमेंट्स लेकर आने हैं. यह भी जानकारी नहीं दी गई थी.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के विजौरी गांव से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को किसानों की भूमि का अधिग्रहण शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. इसके चलते सोमवार को बड़ी संख्या में बदायूं के किसान बरेली कलेक्ट्रेट स्थित विशेष भूमि अध्यापति अधिकारी दफ्तर पहुंच गए. किसानों का आरोप था कि उन्हें फोन करके बताया गया था कि मुआवजा लेने के लिए कागज लेकर आएं. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. किसान घंटों खड़े रहे.
किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ाइसके बाद ऑफिस के कर्मचारी और अधिकारियों की किसानों की भीड़ देखकर होश उड़ गए. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. खफा किसानों ने हंगामा कर नाराजगी जताई. इसके बाद पुलिस ने किसानों को शांत किया. हालांकि, कुछ किसानों का कहना है की कौन-कौन से डाक्यूमेंट्स लेकर आने हैं. यह भी जानकारी नहीं दी गई थी. इसलिए किसानों को भी काफी दिक्कत हुई. इसके साथ ही किसानों के लिए एक काउंटर लगाया गया था. इससे किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ा.
उत्तर प्रदेश के मेरठ से शुरू होने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे हिंदुस्तान का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है. 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब 36 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह यूपी के मेरठ से शुरू होने के बाद 12 जिलों से गुजरकर इलाहाबाद पहुंचेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 18 दिसंबर को शाहजहांपुर के रोजा रेलवे ग्राउंड में गंगा एक्सप्रेस-वे की संग-ए- बुनियाद (शिलान्यास) रखी थी.
इन जिलों से गुजरेगा…गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जूडापुर गांव से जुड़ेगा. ये हाईवे एक तरह से पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल को कनेक्ट करेगा. इसके लिए अब तक जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं , शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 519 गांवों को जोड़ेगा. इस पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है.
14 बड़े और 126 छोटे पुल, 17 टोल प्लाजागंगा एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनेंगे. गंगा नदी पर एक किलोमीटर लंबा और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा. गंगा एक्सप्रेस-वे पर मेरठ और प्रयागराज में 2 मुख्य टोल प्लाजा होंगे. इसके अलावा रास्ते में 15 रैंप टोल प्लाजा भी बनेंगे.
चार ग्रुप में बंटा एक्सप्रेस-वेइन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (आईआईडीसी) संजीव मित्तल की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने दो दिसंबर की देर शाम फाइनेंशियल बिड खोली गई थी. करीब 36 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए कुल तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी. इसे चार ग्रुप में बांटा गया है. इसमें से तीन को पूरा करने की जिम्मेदारी अडानी ग्रुप को मिली है, जबकि मेरठ से अमरोहा तक का काम आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स को मिला है. मेरठ से अमरोहा तक 129 किमी के खंड के लिए आईआरबी ने 1782 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. हरदोई से बदायूं के 151 किमी लंबे खंड के लिए अडानी समूह ने 1950 करोड़ रुपये, हरदोई से उन्नाव तक के 155 किमी खंड के लिए 2197 करोड़ रुपये और उन्नाव से प्रयागराज तक के 156 किमी लंबे खंड के लिए 2099 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
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