Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली का साल 2018 में स्मार्ट सिटी में चयन हुआ था. मगर, इसके बाद से बरेली में सीवर, टूटी सड़क और ओवरब्रिज निर्माण के चलते जगह -जगह खुदाई चल रही है. इससे सुबह से रात तक शहर की सड़कों से धूल उड़ती रहती है. बरेली में धूल और धुएं के मिश्रण से सांस लेना मुश्किल हो गया है.
बरेली में दिवाली के बाद एक्यूआई बढ़ा है. दिवाली के दौरान शहर के निर्माण कार्य रुक गए थे. जिसके चलते पटाखों से हवा जहरीली नहीं हुई, लेकिन दिवाली के बाद निर्माण कार्य शुरू होने के बाद शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई (क्वालिटी इंडेक्स) लगातार बढ़ रहा है.
शनिवार सुबह 163 हो गया है. शनिवार सुबह शहर के सिविल लाइंस का एक्यूआई 158, राजेंद्रनगर का एक्यूआई 168, और सुभाषनगर का एक्यूआई 162 हो गया है. इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 69, राजेंद्र नगर का 88, और सुभाषनगर का 76 है, जो काफी बताया जा रहा है. इसके साथ ही पीएम 10 सिविल लाइंस का 89, राजेंद्र नगर का 205, और सुभाषनगर का 138 हो गया है. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा जहरीली हो गई है. यहीं हालत रही तो बरेली का एक्यूआई दिल्ली की तरह हो जाएगा.
0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है.201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है.401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.
शहरी विकास मंत्रालय की ओर से वर्ष 2015 में स्मार्ट सिटी रैंकिंग जारी करने का काम शुरू हुआ था. बरेली इस प्रतियोगिता में वर्ष 2018 में शामिल हुआ. पहली बार शहर की रैंक 95 थी, लेकिन इसके बाद तेजी से काम हुआ. वर्ष 2019 में 56, वर्ष 2020 में 48, वर्ष 2021 में 35वीं रैंक मिली.मई 2022 में बरेली को 29 वां स्थान मिला था और इस बार भी 29वें पायदान पर कायम है.
स्मार्ट सिटी के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तेजी से काम कर रहा है. कुतुबखाना ओवरब्रिज, अर्बन हाट में मल्टी स्टोरी पार्किंग, म्यूजिकल फाउंटेन, ओपन जिम आदि पर काम चल रहा है. मेजर सड़कों का निर्माण कार्य हो रहे हैं. चौकी चौराहा,अयूब खां चौराहा, रोटरी निर्माण आदि का कार्य भी चल रहा है. इसके अलावा स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं. कुछ में काम होना बाकी है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली