बरेली में दीपावली के पटाखों से जहरीली हुई हवा, एक्यूआई 250 तक पहुंचा, जानें क्या रखें सावधानियां…

दीपावली की आतिशबाजी के बाद वातावरण बिगड़ गया है. बरेली का AQI सामान्य से बहुत खराब हो गया है. इससे लोगों की सेहत पर असर पड़ना तय माना जा रहा है.हालांकि, फिजिशियन ने बुजुर्ग और बच्चों को एक दो घर से न निकलने की सलाह दी है. मगर, प्रदूषण विभाग ने यह एक्यूआई पिछले वर्ष की दीपावली से कम बताया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 25, 2022 3:49 PM

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में दीपावली की खुशियों को लोगों ने एक दूसरे से बांटा.इसके बाद जमकर आतिशबाजी की गई. दीपावली की आतिशबाजी के बाद वातावरण बिगड़ गया है. बरेली का एक्यूआई (AQI) सामान्य से बहुत खराब हो गया है. इससे लोगों की सेहत पर असर पड़ना तय माना जा रहा है.हालांकि, फिजिशियन ने बुजुर्ग और बच्चों को एक दो घर से न निकलने की सलाह दी है. मगर, प्रदूषण विभाग ने यह एक्यूआई पिछले वर्ष की दीपावली से कम बताया है.इसके लिए ग्रीन पटाखों को बताया गया है.

एक-दो दिन बेवजह घर से न निकलें

शहर के राजेंद्र नगर, सिविल लाइंस, सुभाष नगर, कर्मचारी नगर, पीलीभीत बाईपास आदि इलाकों में आतिशबाजी के बाद मंगलवार सुबह 220 से 250 तक एक्यूआई था. इसके साथ ही देहात के मीरगंज, फरीदपुर, आंवला, नवाबगंज का एक्यूआई भी काफी बढ़ा हुआ था लेकिन गांवों का एक्यूआई बहुत खराब नहीं हुआ है. बरेली में मंगलवार सुबह तक एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया था. हालांकि, प्रदूषण विभाग के वैज्ञानिक एसबी द्विवेदी ने शाम तक सही रिपोर्ट आने की बात कही है.शहर का एक्यूआई बढ़ने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. फिजीशियन डॉक्टर नदीम खां बताते हैं क‍ि एक-दो दिन घर से न निकलें. सुबह और शाम को टहलना भी एक-दो दिन के लिए बंद कर दें. इससे फेफड़े सुरक्षित रहेंगे. बच्चों को भी बाहर न निकलने दें.

फेफड़ों के लिए योग फायदेमंद

फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें.इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.धनुरासन योग भी अच्छा है.इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है.

जान‍िए क‍ितना रहना चाहिए AQI

  • 0-50 AQI है तो यह बहुत अच्छी है. इससे सेहत पर कम असर होता है.

  • 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है.

  • 101-200 AQI ठीक नहीं है. फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है.

  • 201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है.

  • 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है.

  • 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है.इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.

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रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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