बरेली के बहेड़ी में मुस्लिमों ने कांवड़ियों पर बरसाए सौहार्द के फूल, हिंदू-मुस्लिम एकता का दिया पैगाम

कावड़ियों के आने वाले रास्तों पर प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने जगह-जगह कैंप लगाकर फल बांटे. सावन के दूसरे सोमवार को बड़ी संख्या में कांवड़िए जल लेकर आ रहे हैं. शिव भक्त यह जल शहर और देहात के मंदिरों पर चढ़ाएंगे. बरेली के बहेड़ी स्थित मजार के सामने कांवड़ियों का मुस्लिमों ने फूल वर्षा कर स्वागत किया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2022 4:42 PM

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली की नगर पालिका बहेड़ी में होली के पर्व पर संप्रदायिक दंगा हो गया था.इससे दोनों समुदायों में काफी तनाव था. मगर, सावन माह में बहेड़ी के मुसलमानों ने हिंदू-मुस्लिम एकता का बड़ा पैगाम दिया है. यहां के मुसलमानों ने बड़ा दिल करते हुए सावन के दूसरे सोमवार को कांवड़ियों के जत्थों पर जगह-जगह फूलों की बारिश की. इसके साथ ही अमन का पैगाम दिया.

इससे पहले इज्जत नगर थाना क्षेत्र के शिकारपुर चौधरी गांव निवासी इसराइल खां और रशीद खां ने कांवड़ियों के निकलने को अपनी बेशकीमती जमीन से रास्ता दिया था. कावड़ियों के आने वाले रास्तों पर प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने जगह-जगह कैंप लगाकर फल बांटे. सावन के दूसरे सोमवार को बड़ी संख्या में कांवड़िए जल लेकर आ रहे हैं. शिव भक्त यह जल शहर और देहात के मंदिरों पर चढ़ाएंगे. मगर, बरेली के बहेड़ी स्थित मजार के सामने कांवड़ियों का मुस्लिमों ने फूल वर्षा कर स्वागत किया.

इस दौरान एसडीएम बहेड़ी भी मौजूद थीं. मुसलमानों ने कावड़ियों पर फूलों की बारिश कर हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का संदेश दिया. फूलों की बारिश करने वालों में नसीम अहमद, नईम अहमद, मोहम्मद जुनेद, ग्यासुद्दीन, आरिफ जाफरी, नदीम कुरैशी, शकील अंसारी आदि मौजूद थे. इससे पहले शहर के इज्जत नगर थाना क्षेत्र के शिकारपुर चौधरी गांव में मंदिर तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. जल लेकर आने कांवड़िए मंदिर तक नहीं पहुंच पाते थे.

इसके चलते शिकारपुर चौधरी निवासी इस्माइल खां और रशीद खां से प्रशासन और पुलिस अफसरों ने बात की. उनकी कोशिश के बाद इस्माइल खां और रशीद खां ने कावड़ियों के राते को 6 फुट चौड़ा और 62 फुट लंबा रास्ता अपनी बेशकीमती पैतृक जमीन से दिया. इससे कावड़िए मंदिर तक पहुंच रहे हैं. इस्माइल खां और रशीद खां के सांप्रदायिक सौहार्द और दरियादिली की हर कहीं तारीफ हो रही है.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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