Bareilly News: सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बड़ा सियासी हमला बोला है. उनका कहना है कि, गुरुवार को सपा का 11वां राष्ट्रीय अधिवेशन है. इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा होगी. इस बार अखिलेश यादव किसी मुस्लिम को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं. अगर, वह यह नहीं करेंगे तो मुस्लिम समाज की तरफ से विरोध किया जाएगा.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सपा और पार्टी मुखिया अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यह पार्टी मुसलमानों के साथ खेल कर रही है. मौलाना ने कहा कि सपा की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 को हुई.इसके बाद से लगातार इस पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव बने रहे. कभी किसी मुसलमान को अध्यक्ष पद पर नहीं बिठाया गया. वहीं, मुलायम सिंह के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद पर हैं. इस अधिवेशन में उनको दोबारा समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ सपा और अखिलेश यादव मुसलमानों का हमदर्द होने का दिखावा करते हैं और दूसरी तरफ मुसलमानों को हमेशा लॉलीपॉप दे कर खामोश कर देते हैं. उनका कहना है कि आज तक किसी मुसलमान को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनाया गया है, और न ही किसी अहम ओहदे पर बिठाया गया जबकि समाजवादी पार्टी की जब- जब सरकार बनी है, मुसलमानों के वोट से बनी है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी 25 फीसद तक है.मौलाना के आरोप लगाया कि, सपा मुखिया जिस बिरादरी से आते हैं, उस बिरादरी की वोट सिर्फ 7 फीसद है.
इस हिसाब से मुसलमानों को ज्यादा तरजीह दी जानी चाहिए, लेकिन मुसलमानों को हमेशा बेवकूफ बनाया गया. इनके साथ धोखा और छलावा किया गया. कभी इनको इनका हक नहीं दिया गया. बोले, सपा मुसलमानों की हितैषी है, तो उसे चाहिए कि किसी मुसलमान को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं.अगर,सपा ऐसा नहीं करती है, तो मुसलमान कोई दूसरा विकल्प तलाश करने पर मजबूर हो जाएगा. उसके लिए रास्ते खुले हुए हैं, वह कहीं भी जा सकता है. अगर, समाजवादी पार्टी मुसलमानों को उनके हक़ नहीं देती है और मुसलमानों का जो सम्मान है. वह सम्मान पार्टी में नहीं देती है तो मुसलमान किसी दूसरे विकल्प तलाश करने पर मजबूर हो जाएंगे.
मौलाना ने कहा कि अखिलेश यादव मुस्लिमों से बचते हैं. अखिलेश मुसलमानों पर हो रहे जुल्मों को देखकर भी चुप रहते हैं. मुस्लिमों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करते. सिर्फ ट्विटर पर ही राजनीति किया करते हैं. अखिलेश यादव मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाते. उन्हें कोई रुचि ही नहीं है. वहीं, आजम खान के परिवार को सलाखों के पीछे रखा गया, तब भी अखिलेश यादव चुप्पी साधे रहे. नाहिद हसन को जेल में डाले जाने के दौरान भी अखिलेश यादव कुछ नहीं बोले. जब शहजिल इस्लाम का पेट्रोल पंप गिराया गया, तब भी अखिलेश ने आवाज नहीं उठाई. अखिलेश यादव अब मुसलमानों का भरोसा खो चुके हैं. अगर, वह सच में मुसलमानों के साथ हैं तो उन्हें चाहिए कि वह किसी मुस्लिम को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद