Bareilly: बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक (एमएलसी) सीट पर एक बार फिर भाजपा ने कब्जा कर लिया है. भाजपा प्रत्याशी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने रिकार्ड वोट से जीत दर्ज कर हैट्रिक बनाई है. हालांकि, प्रभात खबर ने 30 जनवरी को मतदान के बाद ही ‘भाजपा प्रत्याशी की हैट्रिक की खबर प्रकाशित की थी’, यह सही साबित हुई.
इस सीट पर 30 जनवरी को हुए मतदान के दौरान 53.79 प्रतिशत यानी 92771 स्नातक मतदाताओं ने वोट डाले थे. इसमें से भाजपा प्रत्याशी को 66179 वोट मिले, तो वहीं सपा प्रत्याशी शिव प्रताप सिंह यादव को 14922 वोट मिले. उनकी जमानत जब्त हो गई है. जमानत बचाने के लिए 15450 वोट चाहिए थे. भाजपा प्रत्याशी ने 51257 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. ये अब तक के चुनाव की सबसे बड़ी जीत है.
बरेली-रामपुर रोड पर परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया के रोड नं.4 पर स्थित उप्र राज्य भंडारण निगम परसाखेड़ा के गोदाम-1 में गुरुवार सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई थी. सभी 9 जिलों की 245 बूथों की मतपेटियां से मतपत्र निकाल कर शाम तक सही किए गए. पहले चरण का रिजल्ट करीब 7 बजे आया. मगर, भाजपा प्रत्याशी ने पहले ही चरण में बढ़त बना ली थी. अंतिम यानी 6 वें चरण का रिजल्ट शुक्रवार सुबह तक आ सका. इसमें भाजपा प्रत्याशी डॉ.जयपाल सिंह व्यस्त ने जीत दर्ज की. कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. रिजल्ट आने में 16 घंटे से अधिक का समय लगा.
पिछले चुनाव में सपा ने एमएलसी रेनू मिश्रा को प्रत्याशी बनाया था. उनको 15090 मत मिले थे, जबकि भाजपा के डॉ.जयपाल सिंह व्यस्त को 39063 मत मिले. उन्होंने 23973 वोटों से सपा उम्मीदवार को हराया था. मगर, इस बार जयपाल सिंह ने दोगुने से भी अधिक वोट से अपनी प्रतिद्वंदी को हराया है, जबकि इस बार मतदान अधिक हुआ था.
मतगणना के दौरान मतगणना स्थल के पास भाजपा और सपा के टेंट लगे थे. भाजपा के टेंट में सभी बड़े नेता मौजूद थे, तो वहां काफी भीड़भाड़ थी. मगर, सपा के टेंट में संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से लेकर नेता तक गायब थे. सपा के टेंट में पूर्व विधायक विजयपाल सिंह, रविंद्र यादव, मनोहर पटेल, शमीम अहमद, मयंक शुक्ला मोंटी, आदेश सिंह यादव आदि मौजूद थे.
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सपा प्रत्याशी शिव प्रताप सिंह यादव और संगठन के पदाधिकारियों ने 70,000 नए वोट बनवाने की बात कही थी. यह चर्चा हर मीटिंग में थी. मगर, सपा प्रत्याशी को 14,000 ही वोट मिल पाए. इससे सवाल उठ रहे हैं कि नए बने 70,000 वोट कहां चले गए. इससे अधिक वोट तो पिछली बार सपा प्रत्याशी को मिले थे. सपा के संगठन पदाधिकारी चुनाव को शुरू से ही गंभीरता से नहीं लड़ रहे थे.
पार्टी मुख्यालय से हर ब्लॉक पर स्नातक मतदाताओं की बैठक होने के निर्देश थे. मगर, कुछ विधानसभाओं में ही मीटिंग कर खानापूर्ति की गई. मतदान के दिन फरीदपुर, बरेली, नवाबगंज को छोड़कर अधिकांश विधानसभाओं के बूथों पर एजेंट तक नहीं थे. मतगणना में भी जिलाध्यक्ष से लेकर प्रमुख पदाधिकारी तक गायब थे. एमएलसी का चुनाव पूरी तरह से सपा ने हवा में लड़ा. यह आंकड़े बता रहे हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली