Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद की नगीना तहसील के 17 गांव के किसानों की करीब 60 हजार बीघा कृषि भूमि को प्रशासन ने झाड़ी, जंगल और नदियों की होने का दावा किया है. प्रशासन का कहना है कि एक लंबे समय से हजारों लोग जमीन पर अवैध कब्जा किए हुए हैं. हालांकि, राजस्व अभिलेखों में किसानों के नाम दर्ज हैं. इसलिए 17 गांवों के किसानों की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं.
बरेली की बहेड़ी विधानसभा से सपा विधायक अताउर्रहमान ने बताया कि नगीना तहसील के एसडीएम कोर्ट ने गांव मुर्तजाबाद में 860 बीघा जमीन को नदी और जंगल के नाम दर्ज कराने का फैसला सुनाया है. इन तीन गांव की 1812 बीघा जमीन से खातेदारों के नाम निरस्त कर मूल श्रेणी जंगल के नाम दर्ज करने का निर्णय चार दिन पहले दे दिया गया है. चार गांव की जमीनों पर फैसला आया है.इससे किसान काफी परेशान हैं.
इन जमीनों पर काबिज लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. मगर, सपा किसान और गरीबों पर शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी. इसलिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बढ़ापुर क्षेत्र के 17 ग्रामों की जमीन के मामले में पार्टी के आठ जिम्मेदार नेताओं की कमेटी बनाकर रिपोर्ट मांगी है. इस कमेटी में पूर्व मंत्री व नगीना के सपा विधायक मनोज पारस, पूर्व मंत्री एवं विधायक अताउर्रहमान, पूर्व मंत्री कमाल अख्तर, सीतापुर के लहरपुर विधायक अनिल वर्मा, कपिल गुर्जर, पूर्व जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन, कुलदीप सिंह, प्रतेंद पाल सिंह को शामिल किया गया है.
विधायक अताउर्रहमान ने बताया कि आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 16 सितंबर को क्षेत्र में जाकर ग्राम वासियों से मिलकर मामले की पूरी जानकारी हासिल करेगा. इसके बाद अपनी रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय को भेजेगा. सपा किसानों को उनका हक दिलाने की लड़ाई लडे़गी.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली