Bareilly News: सपनों का घर बनाना भी हुआ महंगा, निर्माण सामग्री के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी

देश में आम आदमी के लिए नया घर बनाने का सपना महंगा होता जा रहा है, दरअसल, सरिया-सीमेंट और निर्माण सामग्री के दाम पहले से ही दोगुने से भी अधिक हो गए हैं, जिसके चलते नया घर बनाने की उम्मीद पालने वालों के सपनों को बड़ा झटका लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 22, 2022 12:52 PM

Bareilly News: सरिया-सीमेंट और निर्माण सामग्री के दाम पहले से ही दोगुने से भी अधिक हो गए हैं, जिसके चलते नया घर बनाने की उम्मीद पालने वालों के सपनों को बड़ा झटका लगा है. हालांकि, लोगों को सरिया, सीमेंट और निर्माण सामग्री के दामों में कमी आने की उम्मीद थी. मगर, डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने से यह दाम और बढ़ने की उम्मीद है.

दोगुने से अधिक हुए सरिया के दाम

आप भी घर (आशियाना) बनाने की कोशिश में हैं, तो एक बार सरिया, सीमेंट और निर्माण सामग्री के दाम अवश्य जान लें. क्योंकि, पिछले साल से दाम दोगुने से भी अधिक हो चुके हैं. यूपी में सबसे अधिक बिकने वाली सरिया केवीएस, इंडो स्टार और हिमालय के दाम पिछले वर्ष करीब 4000 से 4500 रुपए कुंतल तक थे, जो अब बढ़कर 8000 से 8500 रुपए कुंतल तक हो गए हैं. टाटा, जिंदल और सेल आदि सरिया के रेट 6000 से 12000 रुपए कुंतल तक हो गए हैं.

सीमेंट के दामों में जबरदस्त इजाफा

एसीसी सीमेंट 350 से 420 रुपये प्रति बैग हो गया है, जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट 340 से 390, श्री सीमेंट का जंगरोधक 310 से 350 रुपये प्रति बैग हो गया है. सरिया बांधने को बांधे जाने वाला तार 70 से 110 रुपए किलो तक पहुंच गया है. ईंट के दाम भी पांच हजार से सात हजार तक हो गई है. इसके साथ ही अधिकांश भट्टों पर ईंट नहीं है, जिसके चलते ईंट को लेकर मारामरी है. रेता-बजरी दामों में भी बड़ा इजाफा हुआ है.

ठेकेदारों ने बंद कराएं काम

सरिया, सीमेंट और निर्माण सामग्री के दाम दोगुने से भी अधिक हो चुके हैं.जिसके चलते भवन और बड़े व्यवसायिक भवन निर्माण करने वाले ठेकेदारों ने निर्माण कार्य को बंद कर दिया है.उनको दाम कम होने की उम्मीद थी.मगर, अब दाम और बढ़ने की उम्मीद है.जिसके चलते निर्माण कार्य लंबे समय को बंद होने की आशंका जताई जा रही है.

बढ़ेगी बेरोजगारी-आर्थिक संकट

देश में रियल स्टेट बड़ा कारोबार है, जहां से करोडों लोगों को रोजगार मिल रहा है. मगर, लगातार दाम बढ़ने से निर्माण कार्य बंद हो रहे हैं. इससे निर्माण कार्य करने वालों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा होगा. इसके साथ ही जमीन-फरोख्त का धंधा भी धीमा हो जाएगा. इससे सरकार का राजस्व भी कम हो जाएगा. रियल स्टेट की गति धीमी होने से आम-आदमी के साथ ही सरकार के सामने भी आर्थिक संकट आएगा.

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दुकानों के खर्च निकालने मुश्किल

सरिया, सीमेंट और निर्माण सामग्री महंगी होने से दुकानों पर खरीदारों की भीड़ कम हो गई है. ग्राहक न आने से दुकानदारों के सामने दुकान के किराया और खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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