बरेली में IMC से निकाय चुनाव लड़ने को 6 ने किया आवेदन, मौलाना तौकीर ने मुसलमानों को क्या दी नसीहत…
मौलाना ने मुसलमानों से अपील कर कहा कि कोई ऐसा काम न करें. इससे नफ़रत फैलाने वालो को कोई मौका मिले. बोले, पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में 90 फीसद मुसलमान एक पार्टी को थोक में वोट कर रहे थे. मुसलमानों के वोट से उस पार्टी को ताकत मिली, और उसके विधायको की संख्या सौ के पर हो गई.
Bareilly News: इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) ने नगर निकाय चुनाव को लेकर आवदेन लेने शुरू कर दिए हैं. शनिवार को चेयरमैन पद के लिए 6 दावेदारों ने आवेदन किया. पहले दिन नगर पालिका बहेड़ी से एक, नगर पंचायत शेरगढ़ से एक, नगर पंचायत फरीदपुर और ठिरिया निजावत खां से दो-दो आवेदन हुए हैं. आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने आवेदन के बाद दावेदार और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
मुसलमान दें इत्तेहाद का पैगाम
मौलाना ने मुसलमानों से अपील कर कहा कि कोई ऐसा काम न करें. जिससे नफ़रत फैलाने वालो को कोई मौका मिले.बोले, पिछले दिनों विधानसभा चुनाव में 90 फीसद मुसलमान एक पार्टी को थोक में वोट कर रहे थे.मुसलमानों के वोट से उस पार्टी को ताकत मिली, और उसके विधायको की संख्या सौ के पर हो गई. मगर जबकि सच्चाई यह है कि उस पार्टी की खुद की बिरादरी भी बड़ी संख्या में भाजपाई हो गई. उन्होंने कहा कि मुल्क को हिंदू-मुसलमान के बीच बांटा जा रहा है. नफरतों का बोलबाला है. सरकार-ए-दो आलम पर अभद्र टिप्पणी की जा रही है. मगर अफसोस की बात है कि मुजरिम आजाद घूम रहे हैं. अगर मुसलमान मजबूरी में भी खुले में नमाज़ पड़ ले तो बहुत बड़ा मुजरिम बना दिया जाता है. टीवी चैनल पर डिबेट होती हैं, जैसी आतंकी हमला हो गया हो.
सपा को मुसलमानों से कोई मतलब नहीं
मौलाना ने सपा पर भी तंज कसा. बोले, हद तो तब हो गई, जब आपके किसी मसाइल पर वह पार्टी बोलने को तैयार नही है.अब फैसला आप को करना है, दूसरों की गुलामी से बेहतर है, खुद ताकत बनें. इत्तेहाद और इत्तेफाक की बुनियाद पर आप निकाय चुनावों में जीत हासिल कर अपने चेयरमैन,पार्षद,या दूसरे पदाधिकारी बना सकते हो. मौलाना ने कहा अगर आप इत्तेहाद इत्तेफाक कर लो, तो बड़ी तादाद में हिंदू भाई आप के साथ खड़े होंगे क्योंकि सच्चाई यह है कि देश में फैलाई जा रही हिंदू-मुसलमान की नफरतों को लेकर आप की तरह हिंदू भाई भी बेचैन हैं. देश में अमन भाई चारे के लिए हिंदू मुस्लिम को एक साथ खड़े होना होगा. इसी बाद ही हम गंगा जमनी तहज़ीब को कायम रख सकते हैं. इस दौरान डॉ. नफीस खान, फरहान रज़ा खान नदीम खान, मुनीर इदरीसी, मौलाना एहसानुल हक, साजिद सकलेनी, मोइन सिद्दीकी, फरहत खान, तकदीरूल हसन, कफील अंसारी, गोलू मिर्जा आदि मौजूद थे.
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रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद