Bareilly: कारोबारी शकील कुरैशी के ठिकानों पर IT की छापेमारी का विरोध, मौलाना ने नकदी मिलने पर कही ये बात
मौलाना ने कहा कि आईटी के सर्च में कंपनी में कोई बड़ी नकदी नहीं मिली. मगर, बैंक खातों से करोड़ों की नकदी निकलने की बात सामने आई. यह नकदी बाजार से जानवर खरीदने के लिए किसानों को दी जाती है. किसान चेक एवं बैंक में आरटीजीएस से जानवर नहीं देता.
Bareilly: मारिया फ्रोजन एग्रो फूड प्राइवेट कंपनी के मालिक हाजी शकील कुरैशी की फैक्टरी, आवास और ऑफिस पर इनकम टैक्स की छापामारी के बाद शहर में जहां इसकी चर्चाएं तेज हैं, वहीं इसका विरोध भी किया जा रहा है. बरेलवी मौलाना एवं दरगाह आला हजरत के संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आईटी की छापेमारी पर सवाल खड़े करते हुए इसे गलत ठहराया है.
जानवरों की खरीद के लिए नकद रकम होती है इस्तेमाल
मौलाना ने कहा कि आईटी के सर्च में कंपनी में कोई बड़ी नकदी नहीं मिली. मगर, बैंक खातों से करोड़ों की नकदी निकलने की बात सामने आई. यह नकदी बाजार से जानवर खरीदने के लिए किसानों को दी जाती है. किसान चेक एवं बैंक में आरटीजीएस से जानवर नहीं देता. वह नकद रकम हाथ में आने के बाद ही जानवर की रस्सी देता है. कंपनी नकदी से जानवर खरीदारी कर आयकर रिटर्न में फाइल करती है.
गलत तरीके से की गई रेड
मौलाना ने कहा कि किसी भी एजेंसी को अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर छापेमारी करने का पूरा अधिकार है. लेकिन, किसी भी एजेंसी, डिपार्टमेंट और संस्था को छापेमारी या कार्रवाई की आड़ में तानाशाही, जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए. मारिया फ्रोजन के चेयरमैन हाजी शकील कुरैशी के आवास और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी के दौरान टीम का गैरजिम्मेदाराना रवैया था. इससे इनकम टैक्स और ईडी की छवि जनता की नजरों में धूमिल हो रही है.
यूपी के प्रतिष्ठित उद्यमी, करोड़ों का देते हैं टैक्स
मौलाना ने कहा कि हाजी शकील कुरैशी का नाम बरेली ही नहीं, पूरे यूपी के प्रतिष्ठित उद्यमियों मे गिना जाता है. वे सामाजिक क्षेत्र में बेहद सक्रिय हैं. सरकार को करोड़ों रुपये का टैक्स अदा करते हैं. मगर, इसके बाद भी कुछ अफसरों ने उनके नौकरों के साथ मारपीट तक की.यह निंदनीय है.
सामाजिक क्षेत्र में हमेशा रहते हैं सक्रिय
बरेलवी मौलाना ने बोले कि हाजी शकील कुरैशी ने बरेली में थाने-चौकियों से लेकर मॉडल सरकारी स्कूल तैयार कराकर एक नजीर साबित की. उन्होंने शकील कुरैशी के बरेली में समाजसेवा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को गिनाया और कहा कि उनको हर तबके की मदद की है. जरी-जरदोजी के टूट चुके कारोबार को फिर से खड़ा करने का काम किया. अन्य लोगों की भी मदद की. उन्होंने हमेशा प्रशासन और सरकारी विभागों का सहयोग किया है. मौलाना ने कहा कि कोरोना काल में हाजी शकील कुरैशी ने जनता और सरकार का हर स्तर पर सहयोग किया था. लाखों रुपये की सेनेटाइजर मशीन नागपुर और पुणे से मंगवाकर जिला प्रशासन को सौंपी. इसके साथ ही लोगों को खाद्य सामग्री भी दी थी.
आईटी टीम की कार्यशैली पर उठाई उंगली
मौलाना ने कहा कि छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम ने उद्यमी शकील कुरैशी के घर के किचन, बॉथरूम और अन्य जगहों पर सर्चिंग की, महिलाओं के साथ उनका रवैया गैरजिम्मेदाराना और तानाशाही का था. मौलाना ने केंद्र व यूपी सरकार की तरफ भी इसका ध्यान आकर्षित कराया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी संस्था को संविधानिक व्यवस्था के तहत ही अपना कार्य करना चाहिए, जिससे आमजनमानस में उनकी छवि और कार्यप्रणाली पर सवाल न उठ सके. एजेंसी की कार्यप्रणाली तमाम सवाल उठाती है.
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कारोबारी को परेशान करना सरकार की मंशा के खिलाफ
मौलाना ने हाजी शकील कुरैशी को बरेली की शान बताया. उन्होंने कहा कि वह हमेशा मुश्किल के वक्त में पुलिस प्रशासन और जनता के साथ खड़े हुए नजर आए हैं, हिन्दू और मुस्लिम में फर्क किए बगैर काम करते हैं. उनके घर पर छापामारी से बरेली की जनता को सख्त तकलीफ पहुंची है. हैरत की बात ये है कि एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार अपने मंत्रियों को विदेश भेजकर उद्यमियों को प्रदेश में निवेश करने का न्योता दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के उद्यमियों पर छापामार कार्रवाई कर डराया और धमकाया जा रहा है.
प्रधानमंत्री से की जाएगी शिकायत
मौलाना ने कहा कि जल्द इस मामले में प्रधानमंत्र नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात कर पूरे मामले को बताएंगे.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली