Bareilly Urs E Razvi: उर्स-ए-रजवी के मंच से ऐलान- सियासी दलों पर भरोसा ना करें मुसलमान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ-साथ पांच राज्यों के चुनाव जल्द होने वाले हैं. सभी दल चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. मगर, चुनाव से पहले बरेली में उर्स-ए-रजवी के मंच से मुसलमानों को बड़ा सियासी पैगाम दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2021 7:48 PM

Bareilly Urs E Razwi News: आला हजरत उर्स के मंच से उलमाओं ने मुसलमानों को सियासी दलों पर भरोसा नहीं करने की नसीहत दी. 103वें उर्स के कुल से पहले उलमाओं ने मुसलमानों से खुद को मजबूत करने की बात कही. सूफीज्म को बढ़ावा देने के लिए देश भर में कार्यक्रम करने की सलाह दी गई. दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ-साथ पांच राज्यों के चुनाव जल्द होने वाले हैं. सभी दल चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. मगर, चुनाव से पहले बरेली में उर्स-ए-रजवी के मंच से मुसलमानों को बड़ा सियासी पैगाम दिया गया है.

उलमाओं ने मुसलमानों को दोनों तरह की सियासी पार्टियों से सावधान रहने की सलाह दी. कहा- दोनों सियासी दल समाज से मोहब्बत खत्म कर रहे हैं. एक पार्टी खुलेआम मुसलमानों को निशाना बना रही है. इनकी पार्टी के नेता मजहब, तो कभी पैगंबर-ए-इस्लाम और मदरसों को टारगेट करके, मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करते हैं. वहीं दूसरी तरफ वो दल है, जो मुसलमानों से दिखावटी हमदर्दी दिखाते हैं. वो कभी मुसलमानों के साथ खड़े नहीं होते. उन्हें सिर्फ मुसलमानों के वोट से मतलब है. इन दोनों दलों से से मुसलमानों को काफी नुकसान है.

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मुफ़्ती सलीम नूरी ने कहा- मुसलमान किसी भी सियासी दल पर भरोसा नहीं करें. वो अपने आप को मजबूत बनाएं. इल्म हासिल करें. यह देश सबका है. इसे, हिंदू-मुसलमान, सबने मिलकर आजाद कराया है. लाखों उलमाओं ने भी वतन की आजादी को कुर्बानी दी है. इस दौरान उलमाओं से गुजारिश की गई- वो देश भर में जलसे, महफिल के जरिए खानकाही निजाम, सूफियों और बुजुर्गों से मुहब्बत का सिलसिला आम करें.

लखीमपुर की घटना के बाद अकीदतमंदों को रोका

हर साल उर्स-ए-रजवी के कुल में लाखों अकीदतमंद शामिल होते हैं. कोरोना गाइडलाइंस को लेकर भीड़ आने पर रोक थी. दो दिन से किसी को नहीं रोका गया. लखीमपुर की घटना के बाद पुलिस अलर्ट थी. पुलिस ने अकीदतमंदों को रोका. इससे अकीदतमंदों-पुलिस में कहासुनी हुई. शहामतगंज में खूब हंगामा हुआ.

अमन और तरक्की को हुई दुआएं

सोमवार को इस्लामियां मैदान और मदरसा जमीतुर्र्जा में कुल शरीफ की रस्म 2:38 बजे हुई. कुल शरीफ में दरगाह प्रमुख मौलान सुब्हानी मियां, सज्जादानशी मौलाना अहसन रजा खां, शहर काजी मौलान असजद रजा कादरी ने मुल्क के अमन और तरक्की को दुआएं की. इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान और मथुरापुर के आस-पास अकीदतमंद की काफी भीड़ थी. इसके कारण काफी देर तक जाम का नजारा भी देखा गया.

तकरीर के लिए दो जगह सजाए गए थे मंच

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां, सुब्हानी मियां की सरपरस्ती में उर्से रजवी के मंच पर सज्जादानशीन मौलाना अहसन मियां, मौलाना तौसीफ मियां, मुफ्ती अर्सलान मियां, समेत तमाम उलमा और आला हजरत खानदान के लोग मौजूद रहे. उर्से रजवी का दूसरा मंच मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में सजा था, जहां दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मौलाना असजद मियां की सरपरस्ती में उर्स हुआ. इस्लामियां में मंच संचालन कारी यूसुफ रजा ने किया. उलमा ने नातो मनकबत का नजराना पेश किया. मुफ्ती अर्सलान रजा, मौलाना शहाबुद्​दीन रजवी की किताबों का विमोचन हुआ. दोनों जगहों पर तकरीरों भी की गई.

फिजूलखर्ची से मुसलमानों को बचने की सलाह

कारी सखावत ने सज्जादानशीन के पैगाम के हवाले से कहा कि मुसलमान शादियों में फिजूलखर्ची से बचें. डीजे-बैंडबाजा से दूरी बनाएं. जहां ऐसी शादियां हों, तो उनसे भी दूरी बनाएं.

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दूसरे धर्म की बेटियों की करें इज्जत: मौलाना तौसीफ

मौलाना तौसीफ संभली ने कहा कि कानून सबके लिए एक है. लेकिन, यह अजीब बात है कि उनकी तरफ से घर वापसी और हमारे लिए लव जिहाद. मुसलमान अपने बच्चों का ख्याल रखें. सही-गलत का फर्क बताएं. मौलाना मुख्तयार ने कहा कि बेटियां किसी भी धर्म से ताल्लुक रखती हों, उनकी इज्जत करें. वो हमारी बेटियां-बहनें हैं. इन सभी की हिफाजत की जिम्मेदारी हम सबकी है. यही इस्लाम का पैगाम है. लड़कियों को मोबाइल से दूरी और पर्दे में रहने की सलाह दी. उर्स प्रभारी आसिफ मियां की निगरानी में व्यवस्थाएं की गई थीं. दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने उर्स शांति से निपटने पर आभार जताया.

(मुहम्मद साजिद, बरेली)

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