Bareilly News: गुजरात के मोरबी ओवर ब्रिज टूटने के बाद बरेली के जर्जर पुल से बड़े वाहनों का संचालन बंद कर दिया गया था. मगर, छोटे वाहन गुजर रहे थे, लेकिन अब ओवरब्रिज की मरम्मत के चलते 3 माह के लिए इसे भी बंद कर दिया गया है. इससे बड़े वाहनों के साथ ही छोटे वाहन और बाइक के गुजरने पर भी रोक है. वाहनों का संचालन बंद होने से ओवर ब्रिज के आसपास और लिंक रोड पर जाम लगने लगा है.
प्रशासन ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए किला पुल 3 माह के लिए बंद किया है. यह मरम्मत कार्य 4.98 करोड़ के बजट से होगा. ओवरब्रिज की मरम्मत को बजट पहले ही मिल चुका है. पीडब्ल्यूडी ने किला पुल की मरम्मत के लिए तीन माह का समय मांगा था. मगर, कमिश्नर संयुक्त समद्दार ने 100 दिन में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
शहर के किला ओवर ब्रिज का निर्माण वर्ष 1980 में हुआ था. मगर, यह पिछले कई वर्ष से जर्जर हालत में था. बड़े वाहनों के निकलने पर हिलने लगता था, लेकिन इसके बाद भी वाहनों का संचालन जारी था. कुछ महीने पहले गुजरात के मोरबी में ओवरब्रिज गिरने के बाद अफसरों को किला पुल की याद आई थी. इसके बाद बड़े वाहनों का आवागमन बंद कराया गया. मगर,अब इसके बंद होने से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है.
किला ओवरब्रिज बंद होने से वाहनों को मिनी बाईपास से प्रेमनगर और बड़ा बाईपास से निकाला जा रहा है. इससे प्रेमनगर में भी जाम लगने लगा है. इससे काफी दिक्कत हो रही है. इसके साथ ही 7 से 10 किलोमीटर का सफर बढ़ गया है. इससे तेल का खर्च भी बड़ा है.
शहर के चौपला ओवरब्रिज के निर्माण के चलते वाहनों का आवागमन 4 महीने से अधिक बंद था. इससे लोगों को काफी परेशानी हुई थी. मगर, अब यह पुल शुरू होने के बाद किला पुल को बंद कर दिया. इससे शहर के लोग बार-बार रोड बंद होने से काफी परेशान हैं. शहर के कर्मचारी नगर निवासी रमेश का कहना है कि, यह कार्य चौपला पुल के साथ ही कराया जाता, तो लोगों को इतनी बड़ी दिक्कत नहीं होती.
किला ओवरब्रिज बंद होने से किला क्रासिंग और हुसैनबाग में ट्रैफिक बढ़ गया है. किला क्रासिंग पर लगातार जाम की स्थिती बनी हुई है. भारी जाम के कारण तय समय से किला रेलवे क्रॉसिंग बंद नहीं हो पा रही है. समय से फाटक बंद न होने की वजह से ट्रेनों को भी सिग्नल नहीं मिल रहा है. इस वजह से ट्रेनों को आउटर पर काफी देर तक खड़ा होना पड़ रहा है. पुल के रोड पर जेसीबी लगाकर वाहनों का आवागमन रोका है. जेसीबी से पुल के दोनों ओर बड़े पत्थरों को रखा गया है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली