Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में सोमवार को न्यायालय ने हत्या के दो अलग-अलग मामलों में सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दहेज हत्या में पति, सास और ससुर को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है. इसके साथ ही 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि फतेहगंज पश्चिमी में 16 साल पहले हुई हत्या के मामले में चार लोगों को अजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
दरअसल, बरेली के थाना शीशगढ़ के गांव अंतरामपुर निवासी राजेन्द्र कुमार ने अपनी बेटी मीनाक्षी देवी की शादी मार्च 2016 में रोहित कुमार निवासी कचनेरा थाना नवाबगंज के साथ की थी. बेटी की शादी में हैसियत के मुताबिक 10 लाख का दहेज दिया था, लेकिन एक साल बाद ही मीनाक्षी देवी को दहेज के लिए ससुराल वाले प्रताड़ित करने लगे. राजेंद्र कुमार ने 11-06-2016 को दामाद रोहित कुमार, उनके पिता रामगोपाल, सास ब्रह्म देवी, ननद मीनाक्षी और मास्टर धर्मदास के खिलाफ दहेज न देने पर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था.
पीड़ित पिता ने दहेज में एक लाख रुपए न देने के कारण गला दबाकर हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने 498 और 304 की धाराओं में मुकदमा कायम किया. इस मामले में सीओ इंदु प्रभा सिंह ने मुकदमे की विवेचना में ननंद मीनाक्षी और मास्टर धर्मदास को निर्दोष पाया, जबकि पति, सास और ससुर के खिलाफ न्यायालय में सुनवाई हुई. गवाहों की गवाही और सभी साक्ष्य का संज्ञान लेने के बाद सोमवार को न्यायाधीश ने पति रोहित कुमार, ससुर रामगोपाल और सास ब्रह्म देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
इसके साथ ही 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा फतेहगंज पश्चिमी के गांव पनवाडिया निवासी रामस्वरूप अपने भाई के साथ 13-06-2005 को खेत पर जा रहे थे. इसी दौरान गांव के दुर्गा प्रसाद, शिशुपाल, देवराज, कांता प्रसाद और मूलचंद ने घेरकर लाठी-डंडों और हत्यारों से हमला कर हत्या कर दी. इस मामले में सुनवाई के दौरान मूलचंद की मौत हो गई,जबकि बाकी दुर्गा प्रसाद, शिशुपाल, देवराज और कांता प्रसाद को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद