UP News: कोरोना के बाद पहली बार आयोजित होगा Domotex, जर्मनी में चमकेगी भदोही-मीरजापुर की कालीन

जर्मनी में हर साल जनवरी माह में डोमोटेक्स का आयोजन किया जाता है. इसमें विश्व के सौ से अधिक देशों के ग्राहक भागीदारी करते हैं. ऐसे में बेहतर व्यवसाय की प्रबल संभावना रहती है. कोरोना के कारण वर्ष 2021-22 में मेले का आयोजन नहीं हो सका था.

By Prabhat Khabar News Desk | November 17, 2022 12:48 PM

Lucknow News: जर्मनी (Germany) के हनोवर में 12 जनवरी, 2023 से प्रारंभ हो रहे चार दिवसीय कालीन मेलों के महाकुंभ डोमोटेक्स (Domotex) को लेकर यूपी (Uttar Pradesh) के निर्यातकों में उत्साह का माहौल है. हनोवर (Hanover) में आयोजन की तैयारियों को लेकर कालीन कारोबारी लगातार जानकारी ले रहे हैं.

कोरोना के कारण वर्ल्ड कारपेट फेयर दो साल से था निरस्त

कोरोना के कारण दो साल से ये आयोजन प्रभावित हुआ है. इस वजह से वैश्विक स्तर पर अपना उत्पाद पहुंचाने वाले कालीन निर्यातकों को नुकसान हुआ है. कार्पेट फेयर निरस्त होने से भारत के कालीन कारोबार को हजारों करोड़ों की चपत लगी थी, क्योंकि डोमोटेक्स विश्व का सबसे बड़ा कालीन मेला भी है.

यूपी के कालीन की रहती है बेहद मांग

डोमोटेक्स फ्लोर कालीन और हैंड नॉटेड कालीन को लेकर मशहूर भी है. भारत की हैंड नॉटेड कालीन यहां की शान होती है. यूपी के भदोही व मीरजापुर के कालीन कारोबारी इस आयोजन के टलने से बेहद निराशा में थे, क्योंकि डोमोटेक्स में यहां के कालीन की बेहद मांग रहती है. आयोजन में पूरी दुनिया से बड़ी संख्या में टेक्सटाइल्स उत्पाद के निर्माता और खरीदार आते हैं. इस वजह से भारतीय निर्यातकों को अपने लिए नये अवसर तलाशने का बड़ा मौका मिलता है.

नई डिजाइनों के तैयार कराए जा रहे सैंपल

ये आयोजन कालीन निर्यातकों के लिए काफी मुनाफा वाला भी साबित होता है. वह डोमोटेक्स में आयातकों को सर्वाधिक आकर्षित करने वाले भारतीय हैंड टफ्टेड व हैंडलूम कालीनों की अलग अलग डिजाइन में सैंपल बनवाते हैं. दो साल के बाद आयोजित होने वाले इस कालीन मेले में भागीदारी को लेकर निर्यातकों में उत्साह है. इस बार भी नई डिजाइनों के सैंपल तैयार कराए जा रहे हैं.

अधिकतर निर्यातक एंटिक डिजाइनों को नया रूप व नया कलेवर देने का प्रयास कर रहे हैं. किसी ने हैंडलूम को डेवलप कर नई डिजाइन में प्रस्तुत करने की तैयारी की है तो किसी ने हैंड नॉटेड को नया लुक देकर ग्राहकों का ध्यानाकर्षित करने का प्लान तैयार किया है.

विदेशी डिजाइनरों की ली जा रही मदद

कुछ निर्यातक ईको फ्रेंडली नेचुरल प्रोडक्ट को वरीयता दे रहे हैं. बड़े व प्रतिष्ठित निर्यातक जर्मनी व फ्रांस के विदेशी डिजाइनरों की मदद से एंटिक डिजाइनों के सैंपल तैयार करवा रहे हैं. निर्यातकों का मानना है कि कोरोना काल के बाद विदेश में हो रहा पहला आयोजन कारोबार के लिहाज से बेहद सफल होगा. कालीन निर्यातक संजय गुप्ता कहते हैं कि डोमोटेक्स भारतीय कालीन उद्योग के लिए संजीवनी का काम करता है. इसमें भागीदारी करने वाले अधिकतर निर्यातकों को आर्डर मिलता है. इसलिए इस बार सभी बेहद उत्साहित हैं.

हर साल जनवरी में होता है आयोजन

जर्मनी में हर साल जनवरी माह में डोमोटेक्स का आयोजन किया जाता है. इसमें विश्व के सौ से अधिक देशों के ग्राहक भागीदारी करते हैं. ऐसे में बेहतर व्यवसाय की प्रबल संभावना रहती है. कोरोना के कारण वर्ष 2021-22 में मेले का आयोजन नहीं हो सका था. ऐसे में भदोही व मीरजापुर के कालीन उद्यमियों को इस बार डोमोटेक्स से काफी उम्मीदें है.

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