Ghaziabad: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) मंगलवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रवेश करेगी. नई दिल्ली से मार्च करने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश चरण की शुरुआत करेंगे. वह गाजियाबाद (Ghaziabad) के लोनी से यूपी में दाखिल होंगे. इसके बाद बुधवार को बागपत और फिर पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में यात्रा का कार्यक्रम है.
गाजियाबाद कांग्रेस के पदाधिकारियों ने बताया कि वे यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं. यात्रा को लेकर समर्थन जुटाने के लिए इससे पहले वह ‘प्रादेशिक भारत जोड़ो यात्रा’ का आयोजन भी कर चुके हैं. इसके अलावा बीते दिनों में जागरूकता पैदा करने और यात्रा के लिए समर्थन मांगने के लिए लोनी में करीब 300 नुक्कड़ सभाएं भी की गई हैं. कांग्रेस प्रवक्ता डॉली शर्मा के मुताबिक यूपी में भी हमें किसानों, महिलाओं, युवाओं, कारीगरों और आम आदमी का समर्थन प्राप्त है. कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी, सलमान खुर्शीद, पीएल पुनिया और अजय राय गाजियाबाद के रास्ते राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे.
इस बीच समाजवादी पार्टी ने अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को इस यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने इस यात्रा का आमंत्रण देने के लिए राहुल गांधी का आभार जताया. अखिलेश ने सोमवार को ट्वीट किया कि भारत जोड़ो यात्रा में आमंत्रण के लिए धन्यवाद एवं भारत जोड़ो की मुहिम की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं. उन्होंने कहा कि भारत भौगोलिक विस्तार से अधिक एक भाव है, जिसमें प्रेम, अहिंसा, करुणा, सहयोग और सौहार्द ही वह सकारात्मक तत्व है, जो भारत को जोड़ते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि आशा है यह यात्रा हमारे देश की इसी समावेशी संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी.
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी राहुल गांधी को इस यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी हैं. बसपा सुप्रीमो को भी इस यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था. मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया कि भारत जोड़ो यात्रा के लिए शुभकामनाएं तथा राहुल गांधी द्वारा इस यात्रा में शामिल होने की लिखी गई चिट्ठी के लिए उनका धन्यवाद.
हालांकि अखिलेश यादव और मायावती दोनों इस यात्रा में शामिल होंगे या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है. दोनों नेताओं ने राहुल गांधी को शुभकामनाएं तो दी हैं. लेकिन, यात्रा में शामिल होने की बात नहीं कही है.
सियासी विश्लेषकों के मुताबिक दोनों नेता सियासी कारणों से यात्रा में शामिल नहीं होंगे. दरअसल भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस का कार्यक्रम है और इसकी वजह से राहुल गांधी देश में चर्चाओं में रहे हैं. भाजपा ने उन पर कई बार सियासी हमला भले ही बोला हो. लेकिन, तब भी राहुल गांधी किसी न किसी वजह से यात्रा को लेकर चर्चाओं में रहे. ऐसे में मायावती, अखिलेश और अन्य विपक्षी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में इस यात्रा में शामिल होकर ये संदेश नहीं देना चाहेंगे कि उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष की ओर से राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार है.
दोनों दल इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि यूपी में कांग्रेस का संगठन उनके मुकाबले बेहद कमजोर है. ऐसे में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके उन्हें कोई सियासी लाभ नहीं मिल सकता. इसलिए दोनों ही दल खुलकर कांग्रेस के साथ आने से कतरा रहे हैं. उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनके कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है. जबकि दूरी बनाए रखने से भविष्य की स्थिति पर नजर रखते हुए कोई फैसला करना बेहतर होगा.
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सबसे अहम बात है कि भाजपा हमेशा से ही सपा, बसपा और कांग्रेस के एक होने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में अगर भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर ये दल कांग्रेस के साथ नजर आएंगे तो भगवा खेमे को इन पर हमला करने का और मौका मिल जाएगा, जिससे इन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए बेहद सोच समझकर कांग्रेस को बधाई देते हुए पार्टी से दूरी बनाई जा रही है.