बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में गुरुवार को भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई में जोशी ने अपना बयान दर्ज कराया. सीबीआई की विशेष अदालत के जज एसके यादव ने जोशी और आडवाणी का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराने का निर्देश दिया था. गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने मस्जिद को ढहा दिया था. उनका दावा था कि इस स्थान पर भगवान राम का ऐतिहासिक राम मंदिर था. लंबे समय से चल रहे मामले पर अंतिम फैसला 31 अगस्त को आना है.
निर्धारित समय में इस मामले की सुनवाई पूरी हो सके इसके लिए जज एसके यादव ने अलग-अलग दिनों में दोनों नेताओं के बयान दर्ज करने की तारीख तय की थी. इसके तहत 23 जुलाई यानी गुरुवार को मुरली मनोहर जोशी के बयान दर्ज करने की तारीख निश्चित की गयी थी. वहीं, 24 जुलाई यानी कि शुक्रवार को पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज होने की संभावना है. मामले में इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बयान दर्ज किया जा चुका है.
मालूम हो कि सीबीआई कोर्ट इस मामले में 32 अभियुक्तों के बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रोजाना इस मामले की सुनवाई की जा रही है. इसी महीने भाजपा नेता उमा भारती व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर हो चुकी हैं. पेशी के दौरान भारती ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें इस मामले में फंसाया था.
इस मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खास निर्देश दिए हैं. वहीं इन मामलों की सुनवाई करने वाले जजों का कार्यकाल भी बढ़ा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मद्देनजर कहा कि मामले की सुनवाई कर रहे जज मुकदमे में फैसला देकर ही रिटायर होंगे. कोर्ट ने फैसले के लिए अंतिम तारीख 31 अगस्त तय किया है.
posted by ashish jha