बसपा (BSP) से निलंबित पांच विधायकों ने बीते दिन सपा(SP) मुखिया सह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद यूपी की सियासत फिर गरम हो गई. बसपा प्रमुख मायावती ने सपा पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं यह कहना घोर छलावा है. इसके अलावा उन्होंने इसे समाजवादी पार्टी की घृणित राजनीति करार दिया है.
1. घृणित जोड़तोड़, द्वेष व जातिवाद आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रचारित करना कि बीएसपी के कुछ विधायक टूट कर सपा में जा रहे हैं घोर छलावा। 1/5
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
मायावती ने कहा है कि, अगर समाजवादी पार्टी में अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति जरा भी ईमानदार होती तो अब तक उन्हें अधर में नहीं रखा जाता. मायावती ने कहा कि इन विधायकों को सपा इसलिए नहीं ले रही है क्योंकि इनके जाने से सपा में फूट बढ़ेगी. वहीं, उन्होंने यह भी जाहिर किया कि ये विधायक वापस बसपा में आने के लिए आतुर हैं. उन्होंने कहा कि, यूपी में बीएसपी जन आकांक्षाओं की पार्टी बनकर उभरी है. और यह आगे भी जारी रहेगा.
3. सपा अगर इन निलम्बित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो अब तक इन्हें अधर में नहीं रखती। क्योंकि इनको यह मालूम है कि बीएसपी के यदि इन विधायकों को लिया तो सपा में बगावत व फूट पड़ेगी, जो बीएसपी में आने को आतुर बैठे हैं।
— Mayawati (@Mayawati) June 16, 2021
मायावती ने सपा पर दलित विरोधी होने का भी आरोप लगया है. उन्होंने कहा कि सपा का चाल, चरित्र औऱ चेहरा हमेशा से ही दलित-विरोधी रहा है. मायावती ने कहा कि पिछली बार सपा की सरकार बनते ही प्रदेश में बसपा के शुरू किए गए जनकल्याण कामों को बंद कर दिया गया.
प्रदेश में बन रहे नए सियासी समीकरण के तहत बसपा के कई विधायक सपा का दामन थामने की कोशिश में हैं. सपा खेमे में इनकी दस्तक भी होने लगी है. इससे पहले सभी निलंबित विधायकों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की है. सपा खेमे में रहकर इनके चुनाव लड़ने के दावे भी किये जा रहे हैं. इस दावे को बसपा में टूट भी करार दिया जा रहा है.
गौरतलब है कि सोशल इंजीनियरिंग का दावा करने वाली बसपा में ऐसा हमेशा से ही होता आया है कि चुनाव से पहले पार्टी कुछ विधायकों को निकाल देती है, तो कुछ विधायक खुद ही पार्टी छोड़ देते हैं. बीते राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने 7 विधायकों को निलंबित कर दिया था. अब एक बार फिर बसपा में टूट दिखाई दे रही है. अब चुनाव में इसका बसपा पर सपा पर कितना अच्छा बुरा प्रभाव पड़ेगा ये देखने वाली बात होगी.
Posted by: Pritish Sahay