Lucknow News: यूपी विधानसभा चुनाव के दंगल में राजद और जदयू के आने से बिहार के राजनीतिक समीकरणों का सूबे में भी असर दिखेगा. हालांकि, जदयू ने उत्तर प्रदेश में अकेले ही मैदान में उतरने की घोषणा की है. वहीं, राजद ने सपा को समर्थन दे रखा है. यूपी में बिहार के बहुतायत लोग रहते हैं. ऐसे में यहां भी राजनीतिक समीकरणों पर असर दिख रहा है.
यूपी के चुनावी महासमर में भाजपा और जनता दल यूनाइटेड एक-दूसरे के बिहार की तरह सहयोगी नहीं हैं. वे एक-दूसरे के विरोध में चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल ने समाजवादी पार्टी को सहयोग दिया है. यहां राजद के बड़े नेता अपना पूरा सहयोग सपा को दे रहे हैं. वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी/VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में निषादों की अगुवाई करने वाले 24 लोगों को प्रत्याशी बनाया है.
बिहार में एनडीए के गठबंधन वाली पार्टी विकासशील इंसान पार्टी उत्तर प्रदेश में आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं मुद्दे से साथ विधानसभा चुनाव में उतरी है. बीते दो माह से इसी मुद्दे को लेकर निषाद समाज के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बैक टू बैक वह बैठक भी कर रही है. वीआईपी पार्टी 165 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इसी के तहत मुकेश सहनी से पहले और दूसरे चरण के लिए 24 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर दी है.
हालांकि, लखनऊ के सियासी गलियारों में इसकी भी चर्चा है कि जदयू और भाजपा के हाथ न मिलाने का असर बिहार पर भी पड़ सकता है. बिहार में जब विधानसभा चुनाव होंगे तो इसका असर देखा जा सकता है. फिलहाल, यूपी में रह रही बिहार की जनसंख्या में जदयू, राजद और वीआईपी के प्रति भी लगाव है. जाहिर है भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस और आप के वोटर्स पर इसका असर पड़ सकता है. यानी बिहार का साइड इफेक्ट यूपी के चुनाव को भी प्रभावित कर रहा है.