15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुलिस और गैंगस्टर विकास दुबे के बीच सांठगांठ के खुलासे के बाद एसपी अनंत देव निलंबित

Gangster Vikas Dubey : कानपुर के बिकरू कांड मामले में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) की जांच रिपोर्ट में पुलिस और गैंगस्टर विकास दुबे के बीच सांठगांठ की बात सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया.

लखनऊ : कानपुर के बिकरू कांड मामले में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) की जांच रिपोर्ट में पुलिस और गैंगस्टर विकास दुबे के बीच सांठगांठ की बात सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव को बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया.

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि अनंत देव को निलंबित कर दिया गया है. उनके खिलाफ यह कार्रवाई एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है. इस सवाल पर कि क्या कुछ अन्य पुलिस अधिकारी भी निलंबित किए गए हैं, अवस्थी ने कहा कि अभी फिलहाल अनंत देव के ही खिलाफ कार्रवाई की गई है. पुलिस उपमहानिरीक्षक की रैंक वाले देव इस समय पीएसी मुरादाबाद में तैनात थे.

गौरतलब है कि गत दो-तीन जुलाई की दरम्यानी रात को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में माफिया सरगना विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थीं. इस वारदात में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. विकास दुबे को गत नौ जुलाई को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था वहां से कानपुर लाते वक्त 10 जुलाई की सुबह कथित रूप से एसटीएफ की गिरफ्त से फरार होने की कोशिश के दौरान हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था.

मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने पुलिस तथा गैंगस्टर विकास दुबे के बीच सांठगांठ की बात उजागर करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी. पिछले हफ्ते सरकार को सौंपी गई 3500 पन्नों की रिपोर्ट में एसआईटी में 36 सिफारिशें की हैं और 80 पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों की भूमिका के बारे में विस्तार से जिक्र किया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, एसआईटी की जांच में यह पता चला है कि पुलिसकर्मियों ने दो जुलाई की रात को वारदात से पहले पुलिस की दबिश के बारे में विकास दुबे को जानकारी दे दी थी, लिहाजा उसने पुलिस पर हमला करने की पूरी तैयारी कर ली थी. एसआईटी ने अनेक आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद दुबे के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने की बात भी अपनी रिपोर्ट में कही है.

एसआईटी ने दुबे और उसके गुर्गों को अदालत से सजा दिलवा पाने में पुलिस की नाकामी का भी जिक्र किया है. जांच के दौरान एसआईटी ने विकास दुबे के मोबाइल फोन का पिछले एक साल का रिकॉर्ड भी जांचा जिसमें यह पाया गया कि कई पुलिसकर्मी लगातार उसके संपर्क में थे. अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई वाली एसआईटी में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रविंदर गौड सदस्य थे. एसआईटी को पहले 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन बाद में उसका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था.

Posted By : Rajneesh Anand

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें