UP Election 2022: मुस्लिम बहुल सीटों पर गैर-मस्लिमों को टिकट, सपा ने क्यों अपनाई बीजेपी की रणनीति?
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने पूरे आकंलन के बाद अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है. ऐसे में कई मुस्लिम बहुल सीटों पर गैर मुस्लिमों पर दांव लगाया गया है.
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इस दौरान पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी हर सीट पर पूरे आकंलन के बाद ही अपने प्रत्याशियों को उतारा है. ऐसे में कई मुस्लिम बहुल सीटों पर गैर मुस्लिमों पर दांव लगाया गया है. समझते हैं क्या है इसके पीछे का गणित.
बीजेपी ने जीत दर्ज कर मुस्लिम बहुल सीटों पर बदले समीकरण
दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी मुस्लिम बहुल सीटों पर गैर मुस्लिम प्रत्याशी को उतारने का सफल प्रयोग कर चुकी है. बीजेपी ने देवबंद की मुस्लिम बहुल सीट पर अपने प्रत्याशी को जीत दिलवाई थी. अब इस तर्ज पर सपा ने भी मुस्लिम उन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है, जहां मुस्लिम की संख्या सबसे अधिक है.
इन सीटों पर सपा ने नहीं उतारा मुस्लिम प्रत्याशी
मुस्लिम बाहुल्य सीटों की बात करें तो इनमें लोनी, शिकंदराबाद मीरापुर, आगरा दक्षिण, बढ़ापुर, बुलंदशहर, चरथावल, बिजनौर, पीलीभीत जैसी सीटों पर भी सपा ने मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है, हालांकि, इस फैसले को लेकर पार्टी को अंदरखाने जरूर विरोध का सामना करना पड़ा है. इन सभी सीटों में मीरापुर सीट सपा के लिए सबसे अहम है, क्योंकि यही वह सीट है, जिस पर 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा का उम्मीदवार महज 193 वोट से हार गया था.