UP Election 2022 : यूपी की 403 सीट पर साथ लड़ेंगी BJP, अपना दल और निषाद पार्टी, सीट शेयरिंग का ऐलान जल्द
निषाद समाज के नेता और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि मत्स्य मंत्रालय अलग होने से फायदा हुआ है. मछुआरा समाज की दिक्कतों का समाधान हुआ है. उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश में अब मछुआरों की हालत में सुधार हुआ है.
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने अपना दल और निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. यह जानकारी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दी. इस विषय पर दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस की गई. इसमें जेपी नड्डा ने जानकारी दी कि अपना दल और निषाद पार्टी के साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला जल्द घोषित कर दिया जाएगा.
Press Conference of NDA. #UPElection2022
https://t.co/GhpHKU7uDx— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) January 19, 2022
ओबीसी के लिए अलग मंत्रालय की जरूरत: अनुप्रिया पटेल
इस बीच अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने नीट परीक्षा में पिछड़ों के आरक्षण को हटाने के लिए राजनीति की गई थी. इसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही किया था. पूर्व की सरकारों और उनके सहयोगी दलों ने इस विषय पर कुछ नहीं किया. वे सब जानते थे. इसके बाद भी उन्होंने इस बिल को पास कर दिया. उन्होंने बताया कि शुरुआत से ही वह एनडीए के साथ हैं और रहेंगी. हालांकि, इस बीच उन्होंने यह कहने में देरी नहीं की कि उनकी पार्टी की मांग है कि ओबीसी के लिए एक अलग मंत्रालय का निर्माण किया जाए. उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि जल्द ही इस मसले पर फैसला हो जाएगा.’
मत्स्य मंत्रालय बनने से सुधरा मछुआरों का हाल : संजय निषाद
वहीं, निषाद समाज के नेता और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि मत्स्य मंत्रालय अलग होने से फायदा हुआ है. मछुआरा समाज की दिक्कतों का समाधान हुआ है. उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश में अब मछुआरों की हालत में सुधार हुआ है. इसके लिए उन्होंने सारा श्रेय केंद्र की मोदी सरकार को दिया. उन्होंने कहा, ‘साल 2019 में भाजपा कार्यालय आया था. उस समय ही मैंने संकल्प लिया था कि अब पिछड़ों की भलाई के लिए भाजपा के साथ मिलकर काम करूंगा.’ केंद्र की मोदी सरकार पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने ही सबसे ज्यादा काम पिछड़ों के लिए किया है.