Lucknow: यूपी के लोकसभा उपचुनाव के लिये बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई आजमगढ़ सीट से दिनेशलाल यादव निरहुआ पर फिर से दांव खेला गया है. जबकि सपा नेता आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई रामपुर सीट से घनश्याम लोधी को टिकट दिया गया है. इसी के साथ यूपी लोकसभा उपचुनाव के लिये रण बिछ गया है.
रामपुर और आजमगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी की साख दांव पर लगी हुई है. इसलिये सभी की निगाह इन दो सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नामों को लेकर है. यूपी लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों के नामों के खुलासे का काफी इंतजार हो रहा था. निरहुआ ने तो दो दिन पहले ही ट्विवटर पर वोट मांगते हुए अपनी एक पोस्ट की थी. इसके बाद माना जा रहा था कि उनको टिकट मिलने की सूचना मिल चुकी है. लेकिन रामपुर को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति थी.
भोजपुरी एक्टर दिनेश लाल यादव निरहुआ आजमगढ़ सीट पर 2019 में भी अखिलेश यादव के सामने थे. लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव के लिये अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट छोड़ी, निरहुआ अचानक फिर से एक्टिव हो गये थे. शनिवार को भी उन्होंने एक ट्वीट करके सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अपना भाई बताया है और लिखा है कि आजमगढ़ सीट अखिलेश ने उनके लिये ही छोड़ी है.
आजमगढ़ लोक सभा उप चुनाव काफी रोचक होने वाला है. बीजेपी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को दोबारा प्रत्याशी बनाकर इस चुनाव में अखिलेश यादव के रास्ते में कांटे बिछा दिया है. जबकि बीएसपी ने गुड्डू जमाली को टिकट देकर सपा के सामने मुस्लिम वोटों को सहेजने की चुनौती खड़ीकर दी थी. अब दिनेशलाल यादव निरहुआ यादव वोटों में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा में गठबंधन था. अब दोनों पार्टियां अलग हो चुकी हैं. गुड्डू जमाली बसपा के टिकट पर आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. जैसे ही अखिलेश यादव ने आजमगढ़ सीट से इस्तीफा दिया था, उसके बाद ही बीएसपी प्रमुख मायावती ने गुड्डू जमाली के नाम की घोषणा कर दी थी.
बीजेपी ने रामपुर को जिन घनश्याम लोधी को टिकट दिया है, वह कभी आजम खान के करीबी थे. बीजेपी का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है. घनश्याम लोधी 2022 एमएलसी चुनाव के समय बीजेपी में शामिल हुये थे. एक समय ऐसा भी था कि आजम खान ने सपा का सिंबल स्पेशल हेलीकॉप्टर से मंगाया था. लेकिन अब समीकरण कुछ अलग हो चुके हैं.