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भाजपा देश की सबसे बड़ी महामारी, सबसे ज्यादा दलितों को करती है प्रताड़ित, हाथरस की घटना के विरोध में हुई रैली में गरजीं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाथरस में दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म व उसकी मौत के खिलाफ शहर में विरोध रैली निकाली. उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘भाजपा सबसे बड़ी महामारी है और दलित-पिछड़े समुदायों पर अत्याचार करती है.’

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2020 11:17 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाथरस में दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म व उसकी मौत के खिलाफ शहर में विरोध रैली निकाली. उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘भाजपा सबसे बड़ी महामारी है और दलित-पिछड़े समुदायों पर अत्याचार करती है.’

ममता बनर्जी ने कहा कि वह अंत तक दलित समुदाय के साथ रहेंगी, क्योंकि ‘मानवता’ उनकी जाति है तथा वह जाति और धर्म के आधार पर भेद करने में विश्वास नहीं करतीं. उन्होंने बिड़ला तारामंडल से मेयो रोड पर गांधी प्रतिमा के सामने तक दो किलोमीटर की रैली निकाली.

बनर्जी ने तीखे स्वर में कहा, ‘कोविड-19 नहीं, बल्कि भाजपा सबसे बड़ी महामारी है. वह दलित और पिछड़े समुदायों पर अत्याचार करती है.’ उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमें इन अत्याचारों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. जिस तरह के अत्याचार हो रहे हैं, वे पूरी तरह अस्वीकार्य हैं. किसान समाज, युवाओं, छात्रों, अल्पसंख्यकों, दलितों को अंधकार की ओर धकेला जा रहा है, लेकिन हम उन्हें रोशनी की ओर ले जायेंगे.’

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भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘देश में तानाशाही की स्थिति है, क्योंकि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘देश में तानाशाही लागू है. वह (भाजपा) लोगों के लिए नहीं बल्कि लोगों, दलितों और किसानों के खिलाफ सरकार चला रही है.’

एक दिन मैं हाथरस जाऊंगी : ममता बनर्जी

हाथरस में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रोके जाने का हवाला देते हुए बनर्जी ने कहा, ‘मेरा दिल हाथरस में है. मेरा मन उस गांव में जाने और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में दलित परिवार के साथ खड़ा होने का कर रहा है. हमारे प्रतिनिधि हाथरस गये थे, लेकिन गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर उन्हें रोक दिया गया.’

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उन्होंने कहा, ‘महिला सदस्यों, पत्रकारों से भी मारपीट की गयी. मुझे पता चला है कि कल से पत्रकारों को भी धमकाया जा रहा है.’ ममता बनर्जी ने कहा कि वह पीड़िता के परिवार से बात करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें बताया गया कि उनके फोन ले लिये गये. ममता ने कहा, ‘उनसे संपर्क करने से आप (उत्तर प्रदेश सरकार) कब तक रोकेंगे. आज नहीं तो कल हम वहां पहुंचेंगे.’

कृषि बिल और दलितों पर अत्याचार होगा चुनावी मुद्दा

बनर्जी ने संकेत दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस कृषि संबंधी हालिया तीन कानूनों और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे को उठायेगी. ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में अनुसूचित जाति, दलितों और आदिवासियों के गांव में जाने और उनसे भाजपा के कथित अत्याचार के बारे में बताने को कहा.

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उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुई मुठभेड़ का हवाला दिया और हैरानी जतायी कि क्या इन घटनाओं में मारे गये लोगों को न्याय मिला. उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा नेता दलितों के घर जाते हैं और बाहर से लाया हुआ खाना वहां खाते हैं. चुनाव खत्म हो जाने पर वे दलितों और पिछड़े समुदाय पर अत्याचार करना शुरू कर देते हैं.’

कोरोना का सामुदायिक संक्रमण शुरू

कोविड-19 महामारी से निबट पाने में कथित नाकामी के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि ऐसा लगता है कि सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलना शुरू हो गया है, क्योंकि जो लोग घर से बाहर नहीं निकले, सुरक्षित माहौल में रहे, वे भी अब संक्रमित हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमें (तृणमूल कांग्रेस सरकार) सीख दी गयी कि कोविड-19 से कैसे निबटना चाहिए. लेकिन वह (केंद्र) क्या कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि सामुदायिक स्तर पर संक्रमण शुरू हो चुका है.’

Posted By : Mithilesh Jha

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