Lucknow: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गाजियाबाद को राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का तोहफा दिया. प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन वर्चुअल रूप से किया. वहीं अब इस कार्यक्रम से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गाजियाबाद निवासी राज्य सभा सांसद अनिल अग्रवाल गुस्से में कार्यक्रम से वापस लौटते नजर आ रहे हैं. आरोप है कि उन्हें मंच पर कुर्सी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिसके चलते उन्होंने कार्यक्रम का बहिष्कार किया और कार्यक्रम बीच में ही छोड़ कर वापस चले गए.
गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर में रविवार को नवनिर्मित यूनानी चिकित्सा संस्थान के उद्घाटन का कार्यक्रम था. इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल रूप से लोकार्पित करने वाले थे. कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग एवं केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री और गाजियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह भी कार्यक्रम में पहुंच चुके थे. इसके अलावा अन्य नेता भी मंच पर मौजूद थे.
इस बीच कार्यक्रम में बीजेपी से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल भी शामिल होने पहुंचे. आरोप है कि मंच पर उन्हें कुर्सी उपलब्ध नहीं कराई गई. इस वजह से वह गुस्से में कार्यक्रम को बीच में छोड़कर वापस रवाना हो गए. जब अनिल अग्रवाल वापस जा रहे थे, तो उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह इस संबंध में आयुष मंत्री से शिकायत करने की बात कह रहे हैं. इसके बाद वह गुस्से में गाड़ी में बैठे और निकल गए.
वहीं इस मामले में सांसद का कहना है कि यह जनप्रतिनिधि का अपमान है, जिसकी शिकायत न केवल वह आयुष मंत्रालय में करेंगे बल्कि राज्यसभा की विशेषाधिकारी कमिटी के समक्ष भी रखेंगे. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि जिस प्रकार से कुछ दिन पूर्व प्रबुद्ध सम्मेलन में प्रवेश के दौरान कार्यक्रम स्थल में पांच विधायकों को रोककर उन्हें अपमानित किया गया और अब उनके साथ यह हरकत हुई. इस तरह ये एक जिले के जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने की साजिश भी हो सकती है.
बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल के बोल: मरें सा… मैं तो आयुष मंत्री को लिखकर भेजूंगा…@Bhupendraupbjp @MohitBeniwalBJP @AmitShah @narendramodi @Dkumarchandel @RajuMishra63 pic.twitter.com/4ms3Iau0L0
— ashutosh agnihotri (आशुतोष अग्निहोत्री) (@ashutoshji_) December 11, 2022
सांसद अनिल अग्रवाल ने बताया कि जब लोकार्पण कार्यक्रम में उनके लिए सीट की व्यवस्था के बारे में पूछा तो आयोजक चुप हो गए थे. इस दौरान वहां मौजूद एक अफसर ने एक सीट पर लगी केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद रिटायर्ड जनरल वीके सिंह की चिट को फाड़कर उन्हें बैठने के लिए कहा. इस पर अग्रवाल का कहना था कि यह उनका ही नहीं केंद्रीय मंत्री का भी अपमान है. वह यहां नहीं बैठेंगे और वहां से लौट गए.
सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि जिस प्रकार से आयोजकों ने उनके लिए कार्यक्रम में एक सीट तक की व्यवस्था नहीं की जबकि कई अधिकारी मंच पर बैठे थे. यह उनके पद का अपमान है. उन्होंने कार्यक्रम अपने घर पर टीवी पर ही देखा. जिले में लगातार जनप्रतिनिधियों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है जो काफी दुखद है. वह पूरे प्रकरण की संगठन और वरिष्ठ नेतृत्व के समक्ष भी उठाएंगे, जिससे जांच कर यह पता लगाया जा सके कि ऐसा करने के पीछे किसकी शह या साजिश है. चूंकि लगातार दूसरी बार जनप्रतिनिधि का अपमान यह चूक नहीं हो सकती है.
Also Read: Ghaziabad: उत्तर भारत का सबसे बड़ा यूनानी चिकित्सा संस्थान इसलिए है खास, मिलेंगी ये सुविधाएं…इससे पहले 22 नवंबर को कविनगर रामलीला मैदान में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में आए थे. इस दौरान जब स्थानीय पांच विधायक मंच की ओर जाने लगे तो वहां मौजूद पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने उन्हें रोक दिया था और उन्हें दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा था. विधायकों ने कहा कि अपना परिचय दिया था फिर भी इंस्पेक्टर नहीं माने थे, जिससे मामला गरमा गया था, बाद में एक वरिष्ठ अधिकारी ने वहां पहुंचकर मामला शांत कराया था.