Lucknow News: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने जीत सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, बिजनौर जिलों की 27 विधानसभा सीट की जनता को रोटी-बेटी के रिश्ते के नाते पार्टी से जोड़ने की रणनीति अपनाई है. जी हां, किसान आंदोलन की नाराजगी को मिटाने के लिए यहां पर हरियाणवी भाजपाई टीम को उतारने की तैयारी की गई है.
दरअसल, पश्चिमी यूपी की 136 विधानसभा सीट का समीकरण उत्तर प्रदेश में जीत का रास्ता पक्का करने की सीढ़ी कही जाती है. देशभर में चले किसान आंदोलन की आंच का असर जितना वेस्ट यूपी में देखा गया था, उतना कहीं और नहीं देखा गया था. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस बेल्ट का इंचार्ज बनाया गया था. बड़े ही नाटकीय अंदाज में केंद्र ने विवादास्पद कृषि कानून को तो वापिस ले लिया मगर किसानों के मन का मैल पूरी तरह से साफ नहीं कर सके हैं.
ऐसे में यहां विधानसभा चुनाव की शुरुआती लहर में ही अपनी जीत की दावेदारी को मजबूत करने के लिए भाजपा आलाकमान ने एक अलग ही रणनीति बनाई है. इस बार हरियाणा के उन नेताओं को वेस्ट यूपी में प्रचार करने का जिम्मा सौंपा जा रहा है जिनका इस क्षेत्र में रोटी-बेटी का नाता हो. बता दें कि भाजपा ने पश्चिमी यूपी की 136 विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने का प्लान तैयार किया है.
इसमें से भाजपा के पास वर्तमान में 108 सीट हैं लेकिन 2017 के चुनाव में 28 सीट सपा और बसपा से हार गई थी. पुरानी सीट पर जीत कायम रखने के साथ ही 28 सीट पर भी कब्जा जमाने के लिए भाजपा के चाणक्य ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके लिए क्षेत्रों में हरियाणवी भाजपाई टीम को उतार दिया है. इन क्षेत्रों में हरियाणा से रोटी और बेटी के रिश्ते-नाते वाले क्षेत्रों में कई दिग्गजों को लगाया गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन नेताओं का ताबड़तोड़ दौरा शुरू हो जाएगा.