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BJP अध्यक्ष नड्डा कार्यकाल विस्तार के बाद कल पहली बार आएंगे UP, गाजीपुर में जनसभा करने की ये है सियासी मजबूरी

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की गाजीपुर में जनसभा बेहद अहम है. विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को गाजीपुर जनपद की सातों विधानसभा सीटों पर सपा और उसके सहयोगी दल सुभासपा से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के मनोज सिन्हा यहां बसपा के अफजाल अंसारी से चुनाव हार गए थे.

Lucknow: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपना कार्यकाल एक साल बढ़ने के बाद पहली बार यूपी के दौरे पर आ रहे हैं. नड्डा 19 जनवरी को वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद रात में वहीं रुकने के साथ कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठन के लिहाज से अहम दिशा निर्देश देंगे. अगले दिन 20 जनवरी को नड्डा गाजीपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे. इस तरह अध्यक्ष पद के नये कार्यकाल में नड्डा की यह पहली चुनावी जनसभा होगी.

बेहद सोच समझकर बनाई गई है गाजीपुर की रणनीति

जेपी नड्डा की गाजीपुर में जनसभा सियासी लिहाज से बेहद अहम है. इसके जरिए भाजपा रणनीतिकारों ने बेहद सोच समझकर योजना बनाई है. गाजीपुर की जनसभा के जरिए भाजपा दूरगामी सियासी संदेश देने की तैयारी में है. दरअसल विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भले ही यूपी में धमाकेदार जीत दर्ज की हो. लेकिन, गाजीपुर में उसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. जनपद की सातों विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी और उसकी सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने कब्जा कर भाजपा की जीत को फीका करने का काम किया.

विधानसभा चुनाव में भाजपा का हुआ था सूपड़ा साफ

गाजीपुर की सातों विधानसभा सीटों की बात करें तो यहां जहूरादाबाद से सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर और जखनियां से बेदी राम ने जीत दर्ज की. वहीं सपा के ओमप्रकाश सिंह ने जमानियां, सुहेब अंसारी ने मुहम्मदाबाद, डॉ. वीरेंद्र यादव ने जंगीपुर, अंकित भारती ने सैदपुर और सदर सीट से जैकिशन साहू ने जीत दर्ज की. भाजपा की दो महिला विधायक अलका राय व सुनीता सिंह को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा, वहीं सदर सीट पर उसकी राज्यमंत्री संगीता बलवंत भी हार मिली.

सपा और सुभासपा ने इतने मतों से यहां की थी जीत दर्ज

मतों के लिहाज से भाजपा और सपा के प्रदर्शन पर नजर डालें तो जहूराबाद में सुभासपा ओमप्रकाश राजभर ने 45231 मतों से जीत हासिल की. उन्हें 114151 और भाजपा के कालीचरन राजभर को 68920 मत मिले. जखनियां से सुभासपा के बेदी राम को 113378 वोट व भाजपा के रामराज बनवासी को 76513 मत मिले.

इसके अलावा मुहम्मदाबाद से सपा के सुहेब अंसारी को 110683 व भाजपा की अलका राय को 92028, जमानियां से सपा के ओमप्रकाश सिंह को 93 926 मत व सुनीता सिंह को 71781 मत, जंगीपुर से सपा के वीरेंद्र यादव को 102091 व भाजपा के रामनरेश कुशवाहा को 67534, सैदपुर से सपा के अंकित भारती को 108523 और निषाद-भाजपा के सुभाष पासी को 72731 वोट मिले. वहीं सदर सीट पर सपा के जैकिशन साहू को 92472 और भाजपा की संगीता बलवंत को 90780 मत मिले.

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लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को मिली थी शिकस्त

इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में भी भाजपा को गाजीपुर से करारा झटका मिला था. तब पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा को बसपा के अफजाल अंसारी ने 120956 मतों से हराया था. भाजपा की इस हार की यूपी में बेहद चर्चा हुई थी. मनोज सिन्हा की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ​अमित शाह के करीबी नेताओं में होती है. इसी वजह से बाद में उन्हें जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल बनाकर नई जिम्मेदारी सौंपी गई.

हारी हुई सीटों पर रणनीति बनाकर काम कर रही भाजपा

इस तरह पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में करारी हार का सिलसिला तोड़ने के मकसद ने जेपी नड्डा ने कार्यकाल विस्तार के बाद गाजीपुर को पहली चुनावी जनसभा के लिए चुना है. पार्टी 2024 में किसी भी सूरत में यहां अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है. इसलिए नड्डा जनसभा के जरिए कार्यकर्ताओं को यहां धरातल पर जुटने का संदेश देंगे, वहीं विपक्ष को भी चुनौती देने की कोशिश की जाएगी कि भाजपा हारी हुई सीटों को लेकर कितनी गंभीरता से योजना बनाकर काम करने में जुट गई है.

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