Lucknow: स्वामी विवेकानंद ने कहा था उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर लेते. यह प्रेरक विचार बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्र-छात्राओं के लिए बेहद अहम है. अब जब जल्द ही 10वीं और 12वीं के एग्जाम शुरू होने वाले हैं, तो अच्छे नंबर लाने का लक्ष्य बनाते हुए इसमें जुट जाना चाहिए.
बोर्ड परीक्षा पास आते ही कुछ स्टूडेंट्स की टेंशन बढ़ जाती है और इससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ता है. टेंशन के इस समय में पूरे साल की तैयारी को सही अंजाम देने की जरूरत है. यहां हम टीचर्स और टॉपर्स की सलाह के मुताबिक कुछ ऐसे टिप्स दे रहें हैं, जिनकी मदद से आप अच्छे नंबर ला सकते हैं.
एग्जाम की तैयारी को अंतिम रूप देने की पहली सीढ़ी है- आपका स्टडी प्लान. इस बात को ध्यान में रखकर अपने स्टडी प्लान को फाइनल करें. प्लान में ‘रीविजन’ का भी एक हिस्सा होना चाहिए, जिसे आप प्रत्येक दिन अभ्यास करें. इसके बाद प्रत्येक विषयों के लिए एक टाइम टेबल सेट करें. हर दिन के लिए एक लक्ष्य तय करें कि इतनी पढ़ाई करनी ही है. लक्ष्य को किसी कीमत पर अधूरा न छोड़ें. यह न सोचें कि कल कर लेंगे. ऐसा करने से बोझ बढ़ता जाएगा.
इसके अलावा परीक्षा में समय से सभी सवालों के जवाब देने का सबसे कारगर तरीका है कि मॉडल पेपर उसी समय सीमा में हल करें. इस दौरान एग्जाम के माहौल की तरह पेपर को सॉल्व करे. इससे आप जहां एग्जाम के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएंगे, वहीं एग्जाम के दौरान नर्वस भी नहीं होंगे. साथ ही आपको पता चल जाएगा कि किस सवाल के लिए कितना समय देना है.
ध्यान रखें, आपकी परीक्षा लिखित होगी, मौखिक नहीं. ऐसे में लिखकर तैयारी करें. सिर्फ रट्टा मारने से काम नहीं चलेगा. लिखकर तैयारी करने से शब्दों की गलतियां सुधरती हैं. इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट भी सही रहता है. मसलन किस सवाल को कितना टाइम देना है, पेपर कितनी देर में हल हो सकता है आदि का अनुमान लिखने से लग जाता है.
कई बार ऐसा होता कि आप टफ चैप्टर को छोड़कर आसान चैप्टर की तैयारी पहले करते हैं. समय कम होने पर कई बार उसे छोड़ भी देते हैं. ऐसा बिल्कुल न करें. उसे तुरंत तैयार करें. पहले आप उससे संबंधित सवालों को देखें. उससे आपको चैप्टर में क्या है, इसका अनुमान लग सकता है. फिर चैप्टर को पढ़ें. दो-तीन बार पढ़ने से चैप्टर समझ आने लगेगा.
कुछ स्टूडेंट्स पढ़ाई के दौरान लाइट म्यूजिक सुनने पर जोर देते हैं. हालांकि टॉपर्स के मुताबिक म्यूजिक के साथ पढ़ाई मुमकिन नहीं है. इससे पढ़ाई डिस्टर्ब ही होती है. इससे आपका प्रयास और ध्यान दोनों बंट जाता है. म्यूजिक के मुताबिक मन में ख्याल आने लगते हैं. पढ़ाई से जब मन उब जाए तो म्यूजिक का सहारा लिया जा सकता है.
टीचर्स और टॉपर्स ग्रुप स्टडी को पूरी तरह से समय बर्बाद करना मानते हैं. उनका कहना है कि एग्जाम के नाम पर ग्रुप स्टडी एक तरह से बहाना है. ग्रुप में पढ़ाई बिल्कुल भी नहीं होती. पढ़ाई के अलावा सारी चीजें होती हैं. एक दूसरे से सब्जेक्ट्स को लेकर जानकारी, नोट्स साझा किए जा सकते हैं.
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जब भी पढ़ाई के लिए बैठें, मोबाइल फोन में सोशल एक्टिविटी से दूरी बना लें. वरना इससे सिर्फ समय ही बर्बाद होगा. मोबाइल का इस्तेमाल पॉजिटिव सोच के साथ सिर्फ पढ़ाई से संबंधित सामग्री के लिए करें. बेवजह कॉल करने से भी बचें.