बॉलीवुड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े स्क्रिप्ट राइटर विवेक खत्री (Script Writer Vivek Khatri) का मानना है कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का जाना बड़ी ट्रैजिक है. हम सभी के लिए उनके जैसे टैलेंटेड एक्टर का गुजरना बड़ा सबक है. ओटीटी प्लेटफार्म पर ‘तांडव’ (Tandav Web Series) जैसी वेबसीरीज को लेकर जारी हंगामे पर विवेक खत्री का कहना है कि मेकर्स को सेल्फ रेग्युलेशन को फॉलो करना होगा. किसी धर्म विशेष के देवताओं को किसी तरह से निशाना बनाना गलत है. प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान विवेक खत्री ने बेबाकी से हर सवालों का जवाब दिया. विवेक खत्री मूल रूप से बनारस के रहने वाले हैं. उनके दादा देवकी नंदन खत्री (Devki Nandan Khatri) ने मशहूर नॉवेल ‘चंद्रकांता’ (Chandrakanta) लिखी थी, जिस पर सीरियल भी बन चुकी है.
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विवेक खत्री से हमारी बातचीत उनके बनारस प्रवास के दौरान हुई. बाबू देवकी नंदन खत्री की विरासत को सहेजने में जुटे विवेक स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म WOW ला रहे हैं. इस पर ‘चंद्रकांता’ समेत दूसरी क्लासिक और धार्मिक स्टोरीज पेश की जाएगी. विवेक खुद ‘चंद्रकांता’ के आगे की कहानी ‘शेर सिंह’ के रूप में लिख रहे हैं. छोटी उम्र से किताबों को पढ़ने और लिखने की प्रेरणा मिली. दादा जी जैसे महान लेखकों की संगत के असर में राइटिंग निखरने लगी. कुछ वक्त के लिए विवेक ने दादा जी के पाठकों के खतों का जवाब दिया. इससे उनकी राइटिंग स्किल्स अलग लेवल पर चली गई. आज वो मशहूर स्क्रिप्ट राइटर में गिने जाते हैं.
विवेक खत्री का कहना है कि ‘बॉलीवुड के मल्टी टैलेंटेड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का गुजरना बेहद दु:खद है. इस घटना से उनको बड़ा सदमा लगा है. सुशांत सिंह राजपूत बेहतर आर्टिस्ट थे. उन्होंने काफी मेहनत के बाद बॉलीवुड में एक अलग मुकाम बनाने में सफलता हासिल की थी. अचानक उनके गुजरने की खबर मिलने के बाद बहुत बुरा लगा. ऐसा नहीं होना चाहिए था.’ विवेक का कहना है ‘लाइफ एक क्रिकेट मैच की तरह है. हम जिंदगी की पिच पर बैटिंग करने आए हैं. हमें अपना विकेट बचाकर रखनी है. आज बाउंसर मिल रहा है कल फुलटॉस जरूर मिलेगा. उसके लिए हमारा जिंदा रहना बेहद जरूरी है.’
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विवेक खत्री ने ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज ‘तांडव’ वेबसीरीज को लेकर भी अपनी बेबाक राय रखी. विवेक का कहना है ‘तांडव’ जैसी वेबसीरीज मेकर्स को सीखने की जरूरत है. ओटीटी प्लेटफार्म पर सेल्फ रेग्युलेशन की जरूरत है. ‘चंद्रकांता’ जैसे नॉवेल को एक बेटी अपने पिता को पढ़कर सुना सकती है. उन्होंने खुद वेबसीरीज बनाने और स्क्रिप्ट लिखने में सेल्फ रेग्युलेशन को फॉलो किया है. विवेक का मानना है हमें नेक्स्ट जेनरेशन को संस्कार, प्रेम और एकता का मैसेज भी देना है. इसमें आज बन रही करीब हर वेबसीरीज चूक रही है. हमें नेक्स्ट जेनरेशन को एंटरटेन करने और हेल्दी सोसायटी बनाने में मदद करनी है.