UP Congress State President: लंबी प्रतिक्षा के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष शनिवार को घोषित कर दिया गया. अब यूपी में कांग्रेस की कमान बृजलाल खाबरी को सौंपी गई है. इसके पहले यह पदभार अजय कुमार लल्लू को दिया गया था. हालांकि, विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. इस सूची में कांग्रेस ने अलग-अलग तबके से आने 6 नेताओं को प्रांतीय अध्यक्ष भी बनाया है. इसके अलावा अजय राय और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी का प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
इसके अलावा पार्टी ने राज्य में छह प्रांतीय अध्यक्ष भी नियुक्त किया है. पार्टी की ओर से प्रांतीय अध्यक्ष के रुप में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अजय राय, वीरेंद्र चौधरी, नकुल दुबे, अनिल यादव (इटावा) और योगेश दीक्षित को जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से शनिवार को नोटिस जारी कर पार्टी के नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया गया. नोटिस में बताया गया है, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष और प्रांतीय अध्यक्ष के रुप में नियुक्ती की है.’ पार्टी की ओर से जारी नोटिस में बृजलाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.
Also Read: यूपी में कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग, जातीय -क्षेत्रीय समीकरण साधेंगे एक प्रदेश व 6 प्रांतीय अध्यक्षमीडिया से बातचीत करते हुए यूपी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने इतनी देरी से प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान करने के बारे में कहा, ‘कोई भी अच्छा काम करने में थोड़ा समय तो लगता ही है. जाहिर है, यह अच्छा काम हुआ है. ऐसे में थोड़ी देर तो होनी ही थी.’ बता दें कि बृजलाल खाबरी की पत्नी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रही हैं. उनकी पत्नी का नाम उर्मिला सोनकर है. वह कैलिया सीट से कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य रही थीं. वह प्रदेश के कई जिलों में एसडीएम और अपर आयुक्त के पद पर रह चुकी हैं. पहले वह सपा में भी शामिल हुई थीं, जिला पंचायत अध्यक्ष पद हार गई थीं
कभी बसपा के बुंदेलखंड में सबसे अहम चेहरा रहे बृजलाल खाबरी ने साल 2016 में कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था. वे तकरीबन 20 साल तक बसपा में रहे थे. साल 1996 में जब मायावती ने पार्टी की सारी कार्यकारी शक्तियां कांशीराम से लेनी शुरू कर दी थीं तो कांशीराम के सहयोगी रहे डॉ. रामाधीन को बाहर कर दिया गया था. बाद में उनके सहयोगी रहे बृजलाल खाबरी को जालौन में संगठन का जिलाध्यक्ष बनाया गया था. धीरे-धीरे खाबरी ने बुंदेलखंड में बसपा का बड़ा चेहरा बन गए थे. उनकी बदौलत 1999 के लोकसभा चुनाव में मायावती को जालौन संसदीय सीट पहली बार मिल सकी. मायावती ने उन्हें दूसरे कई राज्यों में पार्टी का प्रभारी बनाया. 2007 में मायावती और उनके बीच थोड़ी खटास पैदा हो गई. हालांकि, मायावती ने इन्हें राज्यसभा सांसद भी बनवाया. मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में वे भी हार गए. इसके बाद से मायावती ने उन्हें बसपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर झारखंड भेज दिया. अंतत: उन्होंने बसपा से दूरी बनाते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया.
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