Lucknow News: उत्तर प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज पैरा-मेडिकल स्टाफ स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहे हैं, जिसका खामियाजा समय-समय पर मरीजों को भी उठाना पड़ता है, लेकिन अब कॉलेजों को स्टाफ की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. राज्य में पहली बार बीएससी नर्सिंग की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी. राज्य के बीएससी नर्सिंग कॉलेजों में करीब आठ हजार छात्रों को प्रवेश मिलेगा. छात्रों को प्रवेश परीक्षा के लिए केजीएमयू और अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
बीएससी नर्सिंग कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन के लिए लास्ट डेट 15 जुलाई तय की गई है. छात्र केजीएमयू की वेबसाइट www.kgmu.org और अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.abvmuup.edu.in पर आवेदन कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई के अंतिम सप्ताह में परीक्षा होने का अनुमान है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 35 सरकारी मेडिकल कॉलेज और निजी क्षेत्र में 30 मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है. इसके अलावा नर्सों की भारी कमी है. बीएससी नर्सिंग की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के तहत कुल 8 हजार सीटों पर दिया दाखिला दिया जाएगा. चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के बताया कि योगी सरकार की योजना है कि हर सरकारी मेडिकल कालेज में बीएससी नर्सिंग कालेज स्थापित किया जाए. मौजूदा समय में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई के लिए सात जिलों में कॉलेज स्वीकृत हैं. इनमें प्रयागराज, गोरखपुर, कन्नौज, आगरा, जिम्स ग्रेटर नोएडा, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ और झांसी में नए नर्सिंग कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में साल 1972 में राज्य का पहला नर्सिंग कॉलेज कानपुर में खुला था. इसके बाद सरकार ने एक लंबे वक्त के बाद साल 2013 में आगरा, झांसी और मेरठ जिले में एक-एक कॉलेज की स्वीकृति दी. हालांकि, मेरठ के अलावा अन्य जिलों में संस्थान संचालित नहीं हो सके. इसके बाद योगी सरकार ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई के लिए प्रयागराज, गोरखपुर, कन्नौज, आगरा, जिम्स ग्रेटर नोएडा, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ और झांसी में नर्सिंग स्कूल स्वीकृत किए. सरकार ने इन सभी जिलों के संस्थान में प्रधानाचार्य और प्रोफेसरों सहित 138 पदों का सृजन कर नियुक्ति भी कर दी है.