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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने की सभी तरह की कार्यकारिणी भंग, भतीजे आकाश आनंद को बनाया राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर

पूर्व सीएम मायावती ने पार्टी की सारी कार्यकारिणी को भंग करने के साथ ही 3 चीफ कोऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति की है. बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा. 2017 में बसपा 22.24 प्रतिशत वोटों के साथ सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई. इस बार एक सीट ही हासिल कर पाई.

By Prabhat Khabar News Desk | March 27, 2022 2:49 PM

Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी/BSP) सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की सारी कार्यकारिणी को भंग करने के साथ ही 3 चीफ कोऑर्डिनेटर्स की नियुक्ति की है. इसके तहत उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा. 2017 में बसपा 22.24 प्रतिशत वोटों के साथ सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई. इस बार वोट प्रतिशत 13 रह गया और एक सीट ही हासिल कर पाई.

लोकसभा चुनाव की बनाई रणनीति

बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी चुनाव में हार पर बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने रविवार को पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. उन्होंने हार के कारणों पर समीक्षा के लिए बैठक बुलाई. इसमें मायावती ने बैठक में हार की समीक्षा करने के लिए हारे हुए 402 प्रत्याशियों को भी बुलाया था. 2007 में प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद 2022 में पार्टी के सिर्फ एक सीट पर ही सिमटने की समीक्षा की गई.

‘कई नेताओं को नहीं मिला सहयोग’

हार की समीक्षा करने के दौरान मायावती ने बूथ स्तर के नेताओं तक से फीडबैक लिया है. इसमें मिली शिकायतों के आधार पर ऐसा पता चला है कि कई बड़े नेताओं को पार्टी की स्थानीय कार्यकारिणी से वैसा सहयोग नहीं मिला है जो उम्मीद की गई थी. ऐसे में कार्यकारिणी को भंग करने का निर्णय लेते हुए मायावती ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं.

यूपी में 3 नए प्रभारी नियुक्त किए गए 

इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी रणनीति तय की गई. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन कर लड़ा था और 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में 3 नए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं. मुनकाद अली, राजकुमार गौतम और डॉ. विजय प्रताप को प्रभारी बनाया गया है. इस मीटिंग में पार्टी के महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा, बसपा के विधायक उमा शंकर सिंह भी मौजूद रहे. यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती ने हार के कारणों की समीक्षा की और आगे के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने के निर्देश पार्टी पदाधिकारियों को दिए.

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