Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (BSP) चुनावी मोड में आ गयी है. बुधवार को इसका आगाज लखनऊ में मंडलीय कार्यकर्ता सम्मेलन से हुआ. बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बुधवार को आशियाना स्थित मंडल कार्यालय में आयोजित सम्मेलन में कहा कि मायावती ने एक आम कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. मैं तो कभी सोच भी नहीं सकता था कि प्रदेश अध्यक्ष बन जाऊंगा. प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद से लगातार 18 मंडलों में कार्यकर्ताओं के बीच गया हूं. अब सेक्टरवार बैठकें शुरू होगी.
विश्वनाथ पाल ने कहा कि बसपा का जनाधार नहीं घटा है. यह पूरा खेल ईवीएम का है. आज ईवीएम को हटाकार बैलेट पर चुनाव करा लिया जाये, सब समझ आ जाएगा. जिन देशों ने ईवीएम बनाया, इस्तेमाल किया और उसके बाद हटा दिया. आखिर क्यों ऐसा हुआ, कुछ तो घपला है. इस बात को हर देशवासी को समझने और जानने की जरूरत है.
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बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने पिछड़ों का हक हमेशा मारा है. मंडल कमीशन के खिलाफ पूरे देश में रथ निकाला और अब निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण में गड़बड़ी की. जिस प्रकार मंडल कमीशन के खिलाफ भाजपा की साजिश को कांशीराम और मायावती ने मिलकर फेल किया था, उसी प्रकार अब फिर से इन साजिशों का भंडाफोड़ किया जाएगा.
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर उन्होंने कहा कि पूरा अल्पसंख्यक समाज आज मायावती को एक उम्मीद के रूप में देख रहा है. भाजपा और सपा ने मिलकर 2022 के चुनाव में माहौल बनाया कि बसपा लड़ाई से बाहर है. लोग बहकावे में आ गये. इसी वहज से बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में है. अल्पसंख्यक समाज का 20 फीसदी और सपा का 08 फीसदी वोट बैंक सरकार नहीं बना सकता. लेकिन अल्पसंख्यक अगर हमारे साथ आए तो बसपा के 26 फीसदी वोट बैंक के साथ सरकार बना लेंगे.
विश्वनाथ पाल ने कहा कि सभी ने बहन जी का शासन देखा है. उनके जैसा प्रशासक कोई नहीं है. ये प्रदेश की जनता जानती है. उन्होंने अपने भाषण में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या सहित सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल पर भी निशाना साधा.