BSP: बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, मायावती शामिल लेकिन सतीश मिश्रा सूची से बाहर
बीएसपी आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है. पार्टी ने सबसे पहले वहां प्रत्याशी घोषित किया. जबकि समाजवादी पार्टी और बीजेपी ने चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद अपना प्रत्याशी दिया था. अब उन्होंने इस लोकसभा उप चुनाव में स्वयं को स्टार प्रचारक की सूची में रखा है.
Lucknow: आज़मगढ़ उपचुनाव को बीएसपी प्रमुख मायावती बहुत गंभीरता से ले रही है. उन्होंने प्रचार के लिये 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. इस सूची में वह स्वयं शामिल हैं लेकिन पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले सतीश मिश्र सूची में नहीं है. बसपा के एकमात्र विधायक उमाशंकर का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में है.
Also Read: Bareilly: मौलाना तौकीर रजा बोले- जेल ही नुपुर शर्मा के लिए सबसे सुरक्षित जगह, कोई अनहोनी हुई तो… सूची में ये नाम हैं शामिलबसपा के केंद्रीय कार्यालय ने जो सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी है, उसके अनुसार बीएसपी प्रमुख मायावती, भीम राजभर, मुनकाद अली, डॉ. विजय प्रताप, राजकुमार गौतम, उमाशंकर सिंह, मनोज कुमार उर्फ डॉ. मदन राम, हरीश चंद्र गौतम, ओंकार शास्त्री, डॉ. बलिराम, इंदलराम, डॉ. अमरनाथ बौद्ध, विनोद चौहान, विजय कुमार, संतोष राम, संगीता आजाद, आजाद अरिमर्दन, शालिम अंसारी, डॉ. ओपी त्रिपाठी, अरविंद कुमार शामिल है.
इसके अलावा जितेंद्र कुमार भारती, राज विजय, अश्वनी कुमार, रामविलास भास्कर, चतई राम, रामजी सरोज, डॉ. हरीराम भास्कर, चंद्रधारी सुमन, शैलेंद्र महाराज, राजेश कुमार, चंद्र प्रकाश विमल, श्रीराम, अमरनाथ गौतम, त्रिलोकी सोनकर, संतोष कुमार मिश्रा, सिकंदर प्रसाद कुशवाहा, अजय साहू, सुरेंद्र निषाद, अशोक राजभर स्टार प्रचारकों में शामिल हैं.
सपा से मुस्लिम समुदाय की नाराजगी का फायदा उठाना है लक्ष्यबसपा प्रमुख मायावती ने गुड्डू जमाली को आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है. उनका प्रयास है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज मुसलमानों को अपने पक्ष किसी तरह लाया जा सके. 2022 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने समाजवादी पार्टी को एकतरफा वोट किया था. लेकिन सपा की सरकार न बनने के बाद से मुसलमान अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है.
आजम खान सहित कई मामलों में अखिलेश यादव के रुख को देखते हुए कई मुस्लिम नेताओं उसने नाराज थे. अखिलेश यादव को लेकर कई तरह की बयानबाजी भी हुई थी. मुस्लिम समुदाय के इसी रुख को देखते हुए मायावती ने आजमगढ़ में मुस्लिम प्रत्याशी देने का दांव खेला है.