Lucknow News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने रोजगार के मुद्दे पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा, ‘यूपी में बीएसपी सरकार में लोगों को रोजगार तथा बुनियादी सुविधाओं से युक्त नए पक्के मकान व भूमि आदि भी फ्री में लाखों परिवारों को आवंटित करके यहां गरीबों का जीवन धन्य होते हुए सभी ने देखा, किन्तु पहले सपा व अब भाजपा सरकार में भी वैसी खास प्रगति क्यों नहीं?’
1. यूपी में बीएसपी सरकार में लोगों को रोजगार तथा बुनियादी सुविधाओं से युक्त नए पक्के मकान व भूमि आदि भी फ्री में लाखों परिवारों को आवंटित करके यहाँ गरीबों का जीवन धन्य होते हुए सभी ने देखा, किन्तु पहले सपा व अब भाजपा सरकार में भी वैसी खास प्रगति क्यों नहीं?
— Mayawati (@Mayawati) November 23, 2022
मावायती ने ट्वीट कर लिखा, यूपी में देशी व विदेशी पूंजीनिवेश के लिए सरकार का अनवरत प्रयास जरूरी, किन्तु यह केवल खेती भूमि के अधिग्रहण तथा राजनीतिक एवं चुनावी स्वार्थ तक ही सीमित नहीं होना चाहिए. यूपी जैसे अति-गरीबों के पिछड़े प्रदेश में डबल इंजन की सरकार में वैसी ही तेज प्रगति भी लोगों को दिखनी चाहिए.
उन्होंने आगे लिखा, यूपी की समग्र प्रगति, विकास व लोगों की रोजी-रोटी के साथ ही उनकी सुरक्षा व आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी की हुकूमत में जो कुछ खास काम किया वह अपने बलबूते पर किया गया. यमुना के साथ गंगा एक्सप्रेसवे और जेवर एयरपोर्ट भी तब बन जाता अगर केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने थोड़ा सहयोग किया होता.
मायावती ने इससे पहले बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, अपने केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की खातिर ’पसमान्दा मुस्लिम समाज’ का राग भाजपा व आरएसएस का अब नया शिगुफा, जबकि मुस्लिम समाज पहले मुसलमान हैं तथा उनके प्रति इनकी सोच, नीयत, नीति एवं उनका ट्रैक रिकार्ड क्या व कैसा है यह किसी से भी छिपा नहीं. भाजपा की मुस्लिम समाज के प्रति निगेटिव सोच का परिणाम है कि इनकी सरकार में भी वे लगभग उतने ही गरीब, पिछड़े, त्रस्त एवं जान-माल-मजहब के मामलों में असुरक्षित हैं जितने वे कांग्रेसी राज में थे.
उन्होंने कहा कि, मुस्लिम समाज का, दलितों की तरह पसमान्दा व उपेक्षित बने रहना अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण. जबकि बीएसपी की यूपी में चार बार रही सरकार में सर्वसमाज के हित-कल्याण व सुरक्षा-सम्मान के साथ-साथ हमेशा उपेक्षित रहे दलित, पिछड़ा एवं अक्लियत समाज के लोगों के जान-माल-मजहब आदि की सुरक्षा तथा न्याय की गारण्टी यहां पहली बार कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करके सुनिश्चित की गई.