Budget 2023: अखिलेश यादव का तंज, बोले-पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी भाजपा, चंद बड़े लोगों को मिलता है लाभ…

Budget 2023: अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने बजट का दशक पूरा कर रही है. लेकिन, जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है. किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है.

By Sanjay Singh | February 1, 2023 11:55 AM
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Lucknow: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज केंद्रीय बजट 2023-24 पेश कर रही हैं. लोकसभा में उनका बजट भाषण जारी है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के इस आखिरी पूर्ण बजट में विभिन्न सेक्टर के लिए कई बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं. वहीं बजट पूरी तरह से पेश होने से पहले ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने बजट का दशक पूरा कर रही है. लेकिन, जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है. किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है.

इस बीच केंद्रीय बजट में इस बार उत्तर प्रदेश के हिस्से तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि आने की उम्मीद है. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर, अनुदान और कर्ज व एडवांस के रूप में यह राशि मिलने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी. उत्तर प्रदेश की बड़ी अपेक्षाओं में एक एम्स, एक आईआईटी और एक आईआईएम है. इन्हें लेकर जिस तरह से केंद्र का रुख रहा है, माना जा रहा है कि यूपी की ये मांगें पूरी हो सकती हैं.

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दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नवंबर 2022 में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ नई दिल्ली में बैठक हुई थी. इस दौरान योगी सरकार ने केंद्र से यूपी के विकास को लेकर अपनी कुछ अपेक्षाएं जाहिर करते हुए इन्हें पूरा करने की अपील की थी. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक एम्स, आर्थिक रूप से पिछड़े बुंदेलखंड में एक आईआईटी और पूर्वांचल में आईआईएम खोलने को लेकर सुझाव दिया गया था.

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक आम चुनाव 2024 के मद्देनजर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पूरी कोशिश होगी कि राज्यों की अपेक्षाओं के लिहाज से उनको सौगातें दी जा सकें. इनमें भाजपा शासित राज्य अहम हैं, क्योंकि यहां केंद्रीय आवंटन के बाद विभिन्न योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाकर पार्टी सियासी लाभ लेने की कोशिश करेगी. इसलिए यूपी को अपनी अपेक्षाओं और उम्मीदों से ज्यादा भी मिल सकता है, क्योंकि यहां के लिए बजट में दी गई सौगातों से मोदी सरकार सीधे 80 लोकसभा सीटों को साधने की कोशिश करेगी.

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