Lucknow: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने बुधवार को लोकसभा में साल 2023-24 का बजट पेश किया. इसमें मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए 2,200 करोड़ के फंड की घोषणा की गई है. उत्तर प्रदेश के लिहाज से ये फंड बेहद अहम है, योगी सरकार पहले से ही राज्य में मिलेट्स यानी मोटे अनाज के प्रचार-प्रसार को लेकर काम कर रही है. वित्त मंत्री के बजट में फंड के ऐलान के बाद उत्तर प्रदेश को इसमें मदद मिलने की उम्मीद जगी है.
मोटा अनाज भारत का पारंपरिक भोजन है. मोटा अनाज ग्लूटेन मुक्त, उच्च प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा से भरपूर होता है. मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अपने आवास पर पूरे मंत्रिमंडल के साथ मोटे अनाज से बने व्यंजनों का रात्रिभोज किया. इसके बाद सीएम आवास पर एक बार फिर ऐसा ही आयोजन हुआ, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए. इसके साथ ही प्रदेश में जी-20 के आयोजन के दौरान विदेशों से आए प्रतिनिधिमंडल को भी सरकार ने मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसेगी. इस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यूपी की इस मुहिम को बढ़ावा मिलेगा.
योगी सरकार ने मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां आदि) की खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ की शुरुआत की जाएगी. इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 के मद्देनजर लॉन्च की गई इस नई योजना के तहत पांच सालों में यूपी सरकार ने 18626.50 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाई है.
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इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य मिलेट की खेती को बढ़ावा देते हुए क्षेत्राच्छादन, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाते हुए किसानों की आय में भी इजाफा करना है. इसके लिए वैल्यू एडीशन और मार्केटिंग के जरिए मिलेट को आम जनता की थाली तक पहुंचाया जाएगा, ताकि उन्हें संतुलित आहार को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके.
वित्त मंत्री के मोटे अनाज को लेकर बजट में की गई घोषणा से यूपी सरकार को इसे बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. बजट में धनराशि के जरिए उत्तर प्रदेश में इससे जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलेगा. वहीं भाजपा किसान मोर्चा ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है.