UP: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर आज से फ्री में फर्राटा नहीं भर सकेंगे वाहन, जानें किसे कितना देना होगा टोल

Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर फ्री में फर्राटा भरने वालों के लिए थोड़ा चिंतत कर देने वाली खबर है. आज यानी 1 जनवरी से इस रूट पर चलने वालों को अब टोल टैक्स देना होगा. विभिन्न श्रेणी के वाहनों के लिए टैक्स के अलग-अलग टैक्स निर्धारित किया गया है.

By Sohit Kumar | January 1, 2023 8:38 AM

Bundelkhand Expressway: आज से नए साल का आगाज हो चुका है. नव वर्ष के मौके पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर फ्री में फर्राटा भरने वालों के लिए थोड़ा चिंतत कर देने वाली खबर है. आज यानी 1 जनवरी से इस रूट पर चलने वाले वाहनों को अब टोल टैक्स देना होगा. विभिन्न श्रेणी के वाहनों के लिए अलग-अलग टैक्स रेट निर्धारित किए गये हैं.

किस वाहन को कितना देना होगा टोल टैक्स

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स को लेकर प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज यानी 1 जनवरी से हल्के मोटर वाहन पर 610 रुपये का टोल टैक्स देना होगा, जबकि हल्के व्यावसायिक वाहन, हल्के माल ढुलाई के वाहन या मिनी बस पर 965 रुपये का टोल चुकाना होगा. इसके अलावा बस या ट्रक पर 1935 रुपये का टोल टैक्स अदा करना होगा, जबकि भारी निर्माण कार्य मशीन पर 2965 रुपए देना होगा.

महज आठ घंटे में पूरा होगा चित्रकूट से दिल्ली का सफर

दरअसल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर कुल छह टोल और सात रैंप प्लाजा हैं. चित्रकूट से इटावा तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे पौधारोपण समेत सभी छिटपुट काम पूरे कर लिए गए हैं. 296 किलोमीटर लंबे चार लेने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस से जुड़ा है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से पहले चित्रकूट से दिल्ली का सफर पूरा करने में 12 से 13 घंटे लगते थे जोकि अब करीब आठ घंटे में पूरा कर लिया जाता है.

एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं दे रहा है, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति प्रदान कर रहा है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 14 लंबे पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल और 18 फ्लाईओवर हैं. एक्सप्रेसवे से जुड़े जिलों के लोगों को कई बड़े फायदे हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में जुलाई 2022 में इसे जनता को समर्पित किया था.

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