Kanpur News: कानपुर देहात में 6 दिसम्बर को सर्राफा व्यापारी चंद्रभान सिंह से हुई लूट के मामले में सोमवार को पुलिस ने व्यापारी के भतीजे को बलवंत को पूछताछ के लिए उठाया था. पूछताछ के दौरान बलवंत की थाने में मौत हो गई थी. जिसमें पुलिस की बर्बरता देखने को मिली. पुलिस ने कस्टडी में बलवंत की जमकर पीटा जिससे उसके शरीर पर 22 चोटों के निशान मिले हैं. पूरे शरीर में जगह-जगह नीले और काले निशान दिखे हैं. पुलिस कस्टडी में युवक की मौत हो जाने पर मामले को मुख्यमंत्री ने संज्ञान में लिया और अकबरपुर लोकसभा के सांसद की निर्देश दिया कि वह तत्काल मृतक के गांव पहुचे.
बता दें कि शिवली थाना क्षेत्र में मैथा बाजार में सर्राफा कारोबारी के साथ 6 दिसम्बर को लूट हुई थी. जिसका खुलासा करने के लिए पुलिस ने सोमवार की देर रात लालपुर सरैया गांव के रहने वाले बलवंत सिंह (27) को उठाया था. उस समय बलवंत अपनी पिकअप से रनियां की एक फैक्टरी से चोकर खेप लेकर वापस लौट रहा था. तभी उसके साथ में मौजूद चचेरे भाई गुड्डू को पुलिस धमका कर वहां से भगा दिया था.
मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर युवक की पीट पीट कर हत्या का आरोप लगाया है. युवक की मौत की सूचना लगते ही गांव में तनाव का माहौल फैल गया. आसपास के जिलों की फोर्स को तैनात किया गया. पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था.
कानपुर देहात कि एसपी सुनीति ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि बलवंत की मौत तबीयत बिगड़ने से हुई है. हालांकि पूरे मामले में पांच पुलिसकर्मियों और एक डॉक्टर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई. साथ एक इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं.
देर रात मृतक पोस्टमार्टम कराया गया. इसमें बलवंत के शरीर पर 22 चोटों के निशान पाए गए है. शरीर में कई जगह काले नील निशान भी मिले हैं. मंगलवार देर रात परिजन शव को लेकर गांव पहुंचे, तो गांव में कोहराम मच गया. बुधवार को सुबह शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों ने इनकार कर दिया. परिजनों ने मांग रखी की सीएम योगी गांव आए और आरोपी पुलिस वालों की गिरफ्तारी की जाए. इसके साथ ही मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और मां और पिता को भ्रणपोषण के लिए एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए.
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर मृतक के परिजनों से मिलने अकबरपुर लोकसभा के सांसद देवेंद्र सिंह भोले पहुंचे. उन्होंने परिजनों को चार लाख रुपये की चेक दी. इसके साथ ही नौकरी का आश्वासन दिया. पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराने को भी कहा. जिसके बाद परिजन मृतक का अंतिम संस्कार कराने को तैयार हुए.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी