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MMMUT के कर्मचारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पूर्व कुलसचिव समेत तीन पर केस दर्ज, जांच जारी

Gorakhpur News: मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी के कर्मचारी को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में कुल सचिव समेत तीन पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. मृतक कर्मचारी वीरेंद्र चौधरी, विश्वविद्यालय में जूनियर वर्कशॉप मैनेजर के पद पर कार्यरत थे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2022 1:21 PM

Gorakhpur News: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के पूर्व कुलसचिव डॉ जिउत सिंह, प्रोफसर डॉ हरीश चंद्र और लेखा विभाग के कर्मचारी मनोज बालोनी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का खोराबार थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

वीरेंद्र की खुदकुशी मामले में दर्ज नहीं हुई थी रिपोर्ट

गोरखपुर के मोतीराम अड्डा गांव निवासी वीरेंद्र चौधरी, विश्वविद्यालय में जूनियर वर्कशॉप मैनेजर के पद पर कार्यरत थे और वह परिवार सहित परिसर के सरकारी आवास में रहते थे. बीते 3 फरवरी 2021 को वीरेंद्र ने खोराबार के बहरामपुर के पास ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी. उसी समय वीरेंद्र के परिजन और अन्य कर्मचारियों ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था. वीरेंद्र की पत्नी मैनावती ने 21 सितंबर 2021 को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी.

पेड़ काटने और नीलामी का काम सौंपने का आरोप

मृतक वीरेंद्र की पत्नी मैनावती का आरोप है कि, 14 मार्च 2018 को परिसर के उद्यान और पेड़ के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी. साल 2020 में उनके पति को परिसर के 465 पेड़ों को काटने और उसके नीलामी का काम सौंपा गया था, जिसमें उनकी मदद वहां के चौकीदार और माली ने की थी.

गबन के आरोप से परेशान था मृतक

उन्होंने बताया कि, नीलामी का पैसा वहां के जिम्मेदार अधिकारी के पास जमा कर दिया गया और रेट की सूची भी उन्हें सौंप दी गई, लेकिन एमएमयूटी के तत्कालीन कुलसचिव और वर्तमान में वहीं पर कार्यरत डॉ जिउत सिंह प्रोफ़ेसर हरीश चंद्र और लेखा विभाग के कर्मचारी मनोज बालोनी ने उनके पति को बुलाकर गबन का आरोप लगाया और उनकी जांच की बात कही. साथ ही जांच से बचने के लिए उनसे घूस भी मांगी गई. जिसके बाद से वह काफी परेशान चलने लगे.

डिप्रेशन के कारण खुदकुशी का आरोप

मैनावती ने बताया कि, उनके पति ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसके बाद उनके पति 25 जनवरी 2021 को चिकित्सकीय अवकाश पर चले गए. जब छुट्टी खत्म होने के बाद वह दुबारा ड्यूटी पर गए तो उनपर दबाव बनने लगा और जिसके बाद से वह डिप्रेशन में रहने लगे और जिस से परेशान होकर उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली.

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फिलहाल, पुलिस इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज कर विवेचना कर रही है. इस मामले में खोराबार इंस्पेक्टर कल्याण सिंह सागर ने बताया कि, इस केस में विवेचना का कार्य चल रहा है आगे की कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी.

रिपोर्टर –कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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