Aligarh News: सीबीसीआईडी ने कासगंज में दबोचा पूर्व सेक्रेटरी, सहकारी बैंक में हुआ था 12 करोड़ का घोटाला
ऐसे किसानों को लोन दिया गया था, जो उस क्षेत्र के नहीं थे या जिन्हें फर्जी नाम से लोन दिया गया. एक खाते में 50 हजार से 2 लाख लोन के रूप में भेजे गए. ऐसे 1100 बैंक खाते चिन्हित हुए थे. सीबीसीआईडी लखनऊ ने 23 जुलाई को कासगंज की दुर्गा कॉलोनी से घोटाले में आरोपी पूर्व सेक्रेटरी गोकलेश शर्मा को धर दबोचा.
Aligarh News: अलीगढ़ की कासिमपुर स्थित सहकारी बैंक शाखा में 12 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया था, जिसमें ऐसे किसानों को लोन दिया गया था, जो उस क्षेत्र के नहीं थे या जिन्हें फर्जी नाम से लोन दिया गया. एक खाते में 50 हजार से 2 लाख लोन के रूप में भेजे गए. ऐसे 1100 बैंक खाते चिन्हित हुए थे. इसी घोटाले में सीबीसीआईडी लखनऊ ने 23 जुलाई को कासगंज की दुर्गा कॉलोनी से घोटाले में आरोपी पूर्व सेक्रेटरी गोकलेश शर्मा को धर दबोचा और जेल भेज दिया.
सीबीसीआईडी ने पूर्व सेक्रेटरी को किया अरेस्ट
अलीगढ़ की कासिमपुर स्थित सहकारी बैंक की शाखा में 12 करोड़ का गबन हुआ था, जिसमें सीबीसीआईडी लखनऊ ने दुर्गा कॉलोनी स्थित आवास से गबन में लिप्त सहकारी समिति के पूर्व सेक्रेटरी गोकलेश शर्मा को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया. सीबीसीआईडी लखनऊ के इंस्पेक्टर शेखर सिंह ने बताया कि गबन के इस मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है. इससे पहले 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कासगंज से सहकारी समिति के पूर्व सेक्रेटरी गोकलेश शर्मा को गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा दिया गया.
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7 पर हुआ था मुकदमा, 4 हो चुके गिरफ्तार
सहकारी बैंक की जांच में 7 लोग दोषी मिले थे, जिनमें गोधा सहकारी बैंक के पूर्व सेक्रेटरी सुरेश चंद शर्मा, तत्कालीन शाखा प्रबंधक अनिल कुमार नंदा, कैशियर बृजेश कुमार अवस्थी, संजय कुमार मौर्य, गोधा सहकारी समिति के तत्कालीन सेक्रेटरी गोकलेश शर्मा शामिल थे. 12 करोड़ के गवन का केस सीबीसीआईडी को दे दिया गया था सीबीसीआईडी ने मामले में सुरेश चंद्र शर्मा, अनिल कुमार नंदा, संजय कुमार मौर्य को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जिसमें से सुरेश चंद शर्मा की जेल में मृत्यु हो चुकी है. अब चौथे आरोपी सहकारी समिति के पूर्व सेक्रेटरी गोकलेश शर्मा को भी सीबीसीआईडी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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यह था 12 करोड़ के गबन का मामला
अलीगढ़ जनपद में कासिमपुर स्थित सहकारी बैंक में बढ़ते नॉन परफोर्मेंस एसेट व संदिग्ध खातों में बढ़ती धनराशि को लेकर घोटाले के शक में तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार सिंह ने अगस्त 2018 में 3 सदस्य जांच कमेटी बनाई. कमेटी ने जांच शुरू की, तो जांच में पता चला कि जिन किसानों को लोन दिया गया है, वह या तो उस क्षेत्र के नहीं है, या फर्जी हैं. ऐसे 1100 बैंक खाते चिन्हित हुए. एक खाते में 50 हजार से लेकर 2 लाख तक का लोन दिया गया था. इस घोटाले में समितियों के सचिव की मिलीभगत सामने आई. जांच में तत्कालीन शाखा प्रबंधक अनिल कुमार नंदा, कैशियर बृजेश कुमार अवस्थी, संजय कुमार मौर्य फंस गए. मामले में 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
रिपोर्ट : चमन शर्मा