लखनऊ : 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण करके उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में सीबीआई ने उन्नाव की तत्कालीन डीएम सहित दो आईपीएस अधिकारियों को दोषी माना है और उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. उन्नाव के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर इस घटना के मुख्य दोषी हैं. सेंगर की राजनीतिक पहुंच और पुलिस की हीला हवाली को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजकर कहा है कि इस मामले में तत्कालीन डीएम अदिति सिंह, एसपी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह एवं अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा प्रसाद सिंह की ओर से लापरवाही बरती गयी है. इसे देखते हुए इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने चारों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश भी की है.
सीबीआई इसी मामले में उन्नाव के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई समेत अन्य आरोपियों को दोषी ठहरा चुकी है. सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर सेंगर को आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है. सजा होने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने के साथ ही इस मामले की सुनवाई को उत्तर प्रदेश से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था, क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर की दबंगई के चलते पीड़ितों को वहां खतरा था. इसके बाद तीस हजारी कोर्ट में ही पूरी सुनवाई भी हुई. दोषी कुलदीप सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
अदिति सिंह फिलहाल, हापुड़ की डीएम हैं. वह 2009 बैच की आईएएस हैं. अदिति सिंह उन्नाव में 24 जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक डीएम रही हैं. वहीं, 2009 बैच की ही आईपीएस नेहा पांडेय फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वह उन्नाव में 2 फरवरी 2016 से 26 अक्टूबर 2017 तक एसपी रही हैं. इनके अलावा आईपीएस पुष्पांजलि फिलहाल गोरखपुर में रेलवे एसपी के पद पर तैनात हैं. वह 27 अक्टूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक उन्नाव में एसपी रही हैं. पुष्पांजलि 2006 बैच की आईपीएस अफसर हैं.
posted by ashish jha