Chaitra Navratri 2022: आज नवरात्रि का छठा दिन, ऐसे करें मां कात्‍यायनी का पूजन, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्‍यायनी की पूजा का विधान है. आइए जानते हैं क्या है मां की पूजन विधि और मंत्र...

By Prabhat Khabar News Desk | April 7, 2022 11:02 AM

Varanasi News: वाराणसी में वासंतिक नवरात्र में मां गौरी के छठे स्वरूप मां ललिता गौरी के दर्शन पूजन का विधान है. ललिता घाट पर स्थित माता के मंदिर में नवरात्र में भक्तों की भारी भीड़ दिखाई देती है. यही नहीं नौ दुर्गा के दर्शन पूजन के क्रम में इस दिन मां कात्यायिनी देवी के भी दर्शन का विधान है. मां कात्यायनी देवी का मंदिर संकठा घाट पर स्थित है. मां ललिता गौरी और मां कात्यायिनी दोनों का ही रूप और गुण सामान हैं. दोनों एक दूसरे की प्रतिरूप हैं.

नवरात्र में नौ गौरी के दर्शन पूजन के क्रम में छठे दिन ललिता गौरी और कात्यायनी देवी के दर्शन-पूजन की मान्यता है. शास्त्रों के मुताबिक, मां कात्यायनी और ललिता गौरी में कोई फर्क नहीं है. वाराणसी के पक्का महाल में संकठा जी के मंदिर के पीछे माता कात्यायनी का विग्रह स्थापित है. यह मंदिर आदि काल से यहीं है. शास्त्रों के मुताबिक, मां भगवती दुर्गा देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई. लिहाजा वो मां कात्यायनी के नाम से मशहूर हुई.

इनका वर्ण अत्यंत दिव्य और स्वर्ण के सामान है. इनकी चार भुजाएं हैं. माता का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में और निचे का हाथ वर मुद्रा में है. बाएं ओर के ऊपर वाले हांथ में तलवार है और निचे वाले हांथ में कमल सुशोभित है, इनका वाहन सिंह है. गौरी उपासना के दिन मां ललिता गौरी का ये रूप सभी वर देने वाला है.

मां कात्यायनी की पूजाविधि

नवरात्रि के छठे दिन सबसे पहले कलश की पूजन करें. इसके बाद मां दुर्गा और उनके स्वरूप मां कत्यायनी की पूजा की जाती है. पूजा विधि की बात करें तो पूजन के लिए पहले मां का ध्यान करते हुए एक फूल हाथ में लें. मां को फूल अर्पित करने के बाद मां को कुमकुम, अक्षत, फूल आदि चढ़ाने के बाद सोलह श्रृंगार का समान चढ़ा दें. इसके बाद मां को शहद का भोग लगाएं. इसके बाद जल अर्पित करें और दीपक-धूप जलाकर मां के मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही दुर्गा चालीसा का पाठ भी जरूर करें. इसके बाद अपनी श्रद्धा अनुसार मां की अन्य आरती भी कर सकते हैं.

मां कात्यायनी का आराधना मंत्र

  1. या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

  2. चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना|

    कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि||

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