Varanasi News: चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व का आज आठवां दिन है. आज के दिन यानी 9 अप्रैल 2022, शनिवार को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप के पूजन और दर्शन का विधान है. आज के दिन मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है. वाराणसी में मंगला गौरी का मंदिर पंचगंगा घाट में स्थित है. यहां भोर से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है.
ऐसी मान्यता है कि वासंतिक नवरात्र में जगतजननी गौरी एवं दुर्गा की आराधना और उपासना से आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है. इसीलिए नवगौरी के दर्शन-पूजन के क्रम में चैत्र शुक्ल अष्टमी मां मंगला गौरी के दर्शन की मान्यता है. माता मंगला गौरी का मंदिर पंचगंगा घाट पर स्थित हैं. मंगला गौरी के दर्शन मात्र से ही मंगल कल्याण की प्राप्ति होती है.
मंदिर में पूरब-पश्चिम और दक्षिण दिशा की ओर तीन द्वार हैं. द्वार से भीतर प्रवेश करते ही सबसे पहले गभस्तेश्वर महादेव विराजमान हैं. माना जाता है कि सूर्यनारायण ने यहीं बैठकर तप किया, जिसके फलस्वरूप गभस्तेश्वर महादेव प्रकट हुए. उनके आने के साथ मां जगदम्बा मंगला गौरी के रूप में आयी. इनके दर्शन से आरोग्य व संतान सुख की प्राप्ति होती है.
मंदिर में खास बात यह है कि महिला श्रद्धालुओं का गभस्तेश्वर महादेव को स्पर्श करना वर्जित है. प्रांगण में मंगल विनायक, आदिकेशव महादेव व हनुमान जी के विग्रह स्थापित हैं. हनुमान जी के विग्रह की स्थापना शिवाजी के गुरु रामदास जी ने की थी. देवी का वाहन वृषभ है. देवी के दर्शन-पूजन से अलौकिक सुख और शांति की अनुभूति होती है तथा जीवन में उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है. देवी को लाल फूल की माला, चुनरी, नारियल, फल एवं विविध मिष्ठान के साथ ही कमलगट्टा, चन्दन व नूतन वस्त्र आदि अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।
रिपोर्ट- विपिन सिंह